BY– THE FIRE TEAM
हाल ही में आए एक सर्वे के मुताबिक 80 प्रतिशत झूठी खबरों का कारोबार केवल फेसबुक पर चल रहा है। फेसबुक चलाने में माहिर होते भारत के नवयुवक यह सोच भी नहीं पाते कि कौन-सी खबर सही होगी और कौन-सी खबर केवल भड़काने के लिए डाली जा रही है।
आजकल कुछ वेबसाइट ऐसी चल रही हैं जो जल्दी से प्रसिद्ध होने के लालच में धार्मिक उन्माद, नफरत, झूठी खबरें फैलाने का काम कर रहे हैं।
पत्रकारिता का स्तर इतना गिरता जा रहा है कि आप सोच भी नहीं सकते। आपने मुजफ्फरपुर के आईसीयू में एक महिला पत्रकार के द्वारा की गई रिपोर्टिंग तो देखी ही होगी।
फर्जी खबरें दिखाकर अपने कारोबार को आगे बढ़ाते वेबसाइटें असल में एक मीठे जहर का काम कर रही हैं। इन वेबसाइट की खबरों को शेयर करने वाले लोग उत्प्रेरक का काम कर रहे हैं।
लखनऊ के इटौंजा थाने के अंतर्गत कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। इस क्षेत्र के एक गांव में आपसी लड़ाई को फर्जी धार्मिक उन्माद बताकर बहुत तेजी से वायरल कर दिया गया।
दरअसल आपसी झगड़े में मुस्लिम भाई-बहन को काफी चोटें आईं और वह इटौंजा थाने एफआईआर कराने के लिए आ पहुंचा। जब यह मुस्लिम भाई बहन थाने के बाहर घटना के बारे में बता रहे थे तब वहां मौजूद कुछ लोग वीडियो बनाने लगे। वीडियो में साफ दिख रहा है कि लड़का बता रहा है कि उसके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की है। इसी वक्त यह लड़का मारपीट में शामिल जिन लोगों का नाम लेता है वह मुस्लिम ही होते हैं।
और यहीं से कहानी शुरू होती है फर्जी खबरों के कारोबार की। वीडियो में लड़के का नाम ना पूछना वायरल करने वाले लोगों को काफी आसानी हुई।
वीडियो में जो दोनों भाई बहन दिख रहे हैं उनका नाम शाहरुख और शबनम है। घटना के बाद एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है और जांच के लिए टीम भी गठित हो चुकी है।