बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे फिसड्डी निकले: नीति आयोग


BY-THE FIRE TEAM


प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीति आयोग द्वारा किये गए सर्वे में इस तथ्य का खुलासा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे खराब स्थिति है.

आपको बता दें कि राज्यवार तैयार किये गए इस सूचि में केरल राज्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है जबकि दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश तथा महाराष्ट्र को तीसरा स्थान मिला है.

एक और निराशाजनक तस्वीर लिंगानुपात को लेकर सामने आई है, यह लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या में आई गिरावट से सम्बन्धित है जो इक्कीस बड़े राज्यों में से बारह राज्यों के विषय में बताती है.

वैसे उत्तर प्रदेश के बारे में नीति आयोग ने जो रिपोर्ट दी है वह बीजेपी की राज्य सरकार तथा उसके मुख्य मंत्री आदित्यनाथ को कटघरे में लाकर खड़ी कर दिया है.

यहाँ एक और घटना की चर्चा की जा सकती है जब 2019-20 का बजट बनाया गया था तो यह पिछले बजट की तुलना में 7 प्रतिशत ज्यादा रखा गया था ताकि लोगों को स्वाथ्य सेवाएं अच्छी मुहैया कराई जा सके.

किन्तु नीति आयोग के इस खुलासे ने पुरे सिस्टम की असलियत बयान कर दिया है. 12 अगस्त 2017 को गोरखपुर जिले के मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन के अभाव में 33 बच्चों ने दम तोड़ दिया था.

ताज्जुब तो तब हुआ जब इतनी बड़ी दुखदाई घटना घटित होने के बाद भी वहाँ डीएम अथवा कमिश्नर में से कोई भी तत्काल मौके पर नहीं पहुंचा केवल औपचारिक घोषणाएं ही करते दिखे.

ऐसे ही बिहार में भी एक एक हादसा हुआ है जहाँ सैकड़ों बच्चे चमकी और इंस्फेलिटिस जैसी बीमारी से असमय काल के मुँह में समा गए.

 

children showing symptoms of acute encephalitis syndrome aes being treated at shri krishna medical

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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