पहलू खान लिंचिंग: राजस्थान पुलिस ने बेटों के खिलाफ मामले की फिर से जांच के लिए अदालत से ली अनुमति


BY- THE FIRE TEAM


राजस्थान पुलिस ने अदालत में एक अर्जी दाखिल की है जिसमें पहलू खान के बेटों के खिलाफ मामले की जांच फिर से शुरू करने की अनुमति मांगी गई है।

बता दें कि, 2017 में राजस्थान के अलवर जिले में कथित तौर पर गौ रक्षकों की भीड़ ने पहलू खान की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।

राजस्थान पुलिस ने दिसंबर में खान के बेटों, आरिफ और इरशाद खान और खान मोहम्मद के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जो पशु पलकों द्वारा पशुओं को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पिक-अप ट्रक के मालिक थे।

यह मामला राजस्थान बोवाइन एनिमल (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 के तहत दायर किया गया था।

इसके अलावा 29 मई को अदालत में मामले को लेकर राजस्थान पुलिस द्वारा आरोप पत्र भी प्रस्तुत किया गया था।

पहलु खान अप्रैल 2017 में हरियाणा में अपने गृहनगर गायों को ले जा रहे थे, जब भीड़ ने उन पर और उनके साथियों पर हमला किया था।इस हमले में खान की मौत हो गई।

पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में खान का भी नाम लिया था और कहा था कि अधिनियम के तहत उसके खिलाफ अपराध साबित हुआ है।

हालांकि, पुलिस ने कहा कि जब तक आरोप पत्र दायर किया गया उससे पहले ही खान की मृत्यु हो गयी थी इसलिए खान औपचारिक रूप से आरोपी नहीं थे।

अलवर के पुलिस अधीक्षक पेरिस देशमुख ने कहा कि खान के परिवार ने पुलिस को एक आवेदन सौंपा है।

देशमुख ने कहा, “इसकी जांच करने के बाद, हमने शनिवार को अदालत में आवेदन दिया है, और आगे की जांच के लिए फाइल वापस करने को कहा है। अदालत को अभी फैसला करना है।”

देशमुख ने कहा कि परिवार का दावा है कि वे मवेशियों को अलवर जिले के तपुकरा ले जा रहे थे और ट्रक मालिक ने दावा किया कि उन्होंने घटना से पहले वाहन बेच दिया था।

अधिकारी ने कहा, “हम इन बिंदुओं की फिर से जांच करना चाहते हैं।”

डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, इस मामले में अब तक बहरोड़ पुलिस स्टेशन में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

एक एफआईआर लिंचिंग के संबंध में दर्ज की गई थी, जबकि छह पशु तस्करी के लिए दर्ज की गई थीं। खान की लिंचिंग से संबंधित मामले में, सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया था।

इस साल 25 फरवरी को बेहरोर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था।

जून में, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने द इंडियन एक्सप्रेस में एक समाचार रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसके अनुसार, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के 13 दिन बाद 30 दिसंबर को सौंपी गई चार्जशीट में खान को पुलिस द्वारा नामित किया गया था।

गहलोत ने कहा कि अखबार द्वारा दर्ज किया गया मामला 2017-18 में दर्ज किया गया था और पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार के शासन के दौरान इसकी जांच की गई थी।


[mks_social icon=”facebook” size=”35″ style=”rounded” url=”http://www.facebook.com/thefire.info/” target=”_blank”] Like Our Page On Facebook Click Here


 

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!