तीन तलाक से जुड़ा विधेयक पुनः लोकसभा में हुआ पारित


BY-THE FIRE TEAM


मुस्लिम समुदाय से संबंधित तीन तलाक विधेयक अपने प्रारम्भ के समय से ही विवादास्पद बना रहा है.

चुँकि मुस्लिम महिलाओं के लगातार अपील करने के बाद उनको होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस पर कड़ा कानून बनाने का वादा किया था.

पिछले वर्ष 2018 में भी लोकसभा में यह बिल पास हो गया था. किन्तु मुस्लिम पुरोधाओं एवं राज्य सभा में विपक्षी दलों के विरोध के बाद इसे पारित नहीं किया जा सका, अब 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी पुनः प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई है.

ऐसे में यह उम्मीद है कि अब उसे दोनों सदनों में विधेयक को सफलतापूर्वक पास कराने में सफलता मिल जाएगी. इस क्रम में उसने पहली सीढ़ी को पार कर लिया है, हालाँकि उसका विरोध शुरू हो गया है.

आपको बताते चलें कि मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश- 2019 के तहत तीन तलाक को अवैध और अमान्य घोषित कर दिया गया है.

विधेयक की कुछ खास बातें :

. अब तीन तलाक देना गैर-जमानती और संगेय अपराध की श्रेणी में माना जायेगा

. तलाक देने वाले पति को तीन साल की होगी कारावास की सजा

. अब पीड़िता को मिलेगा गुजाराभत्ता का अधिकार

. तलाक के मुद्दे पर मजिस्ट्रेट करेंगे अंतिम निर्णय

. जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर पुरे देश में लागू होगा यह कानून


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