एमडीएमके प्रमुख वाइको ने कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर जताया दुःख


BY-THE FIRE TEAM


प्राप्त जानकारी के मुताबिक एमडीएमके प्रमुख वाइको ने केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर फैसले को दुःखद बताते हुए एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि-

भारत के 100 वें स्वंतन्त्रता दिवस के अवसर पर भी कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बन सकता है. यही वजह है कि वाइको ने सरकार के इस निर्णय की निंदा किया तथा राज्यसभा में धारा 370 पर दुःख व्यक्त किया है.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर के बुरे हालात के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों को समान रूप से दोषी ठहराया है. हालाँकि 30 प्रतिशत हमले अगर कांग्रेस पर बोला तो 70 प्रतिशत बीजेपी के विरुद्ध.

जब जम्मू-कश्मीर के भाग्य का फैसला किया जा रहा था तभी वाइको ने यह भी आरोप लगाया कि इस विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्य के साथ वादा- खिलाफी की गई है.

अगर कश्मीर के इतिहास को खँगाला जाए तो यह पता चलता है कि महाराजा हरि सिंह ने जिस विलय पत्र पर हस्ताक्षर पाकिस्तानी सैनिकों के हमले के बाद जवाहरलाल नेहरू के समक्ष किया था,

उसकी यह मूल प्रवृति ही यही थी कि जम्मू-कश्मीर की अपनी विशेष पहचान होगी और इसे सदैव बनाये रखा जायेगा. इन्ही शर्तों पर कश्मीरी नेता शेख अब्दुल्ला ने भारत के साथ रहने का निर्णय लिया था.

 

 

 

 

 

 

 

 

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