देश भर में 41 आयुध कारखानों में तीन प्रमुख श्रमिक यूनियनों ने इकाइयों के निगमीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार से एक महीने की हड़ताल का आह्वान किया है। इन फैक्ट्रियों में बनने वाला गोला , बारूद और हथियार बनने का काम पूरी काम पूरी तरह बंद हो जाएगा। कर्मचारी संगठन निगमीकरण का विरोध कर रहे हैं। इनका आरोप है कि सरकार एक तरफ सेना को मजबूत करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ सुरक्षा संस्थानों को निजी हाथों में सौपने की साज़िश रच रही है।
पुणे ,जबलपुर सहित देश के आयुध निर्माण फैक्ट्री के कर्मचारी संगठनों ने 20 अगस्त से 1 महीने की हड़ताल का ऐलान कर दिया है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इतने पर भी नहीं मानी तो , अक्टूबर के बाद फिर हड़ताल की जाएगी।
आयुध निर्माण फैक्ट्री के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार फैक्ट्री को निजी हाथों में देने का मन बना चुकी है , इसके लिए पहले सरकार ने फैक्ट्री के निगमीकरण का खेल खेला है। यदि फैक्टरियों का निगमीकरण होगा तो कर्मचारियों का शोषण तो होगा ही , फैक्ट्रियों पर भी संकट छाया रहेगा। इन तमाम बातों लेकर पहले भी सरकार से कर्मचारी संगठनों की बात हो चुकी थी , लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।