पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की सभी दलीलें नाकाम, भेजे गए सीबीआई के रिमांड पर


BY-THE FIRE TEAM


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कांग्रेस की सरकार में वित्तमंत्री रहे पी चिदंबरम को आईएनएक्स घोटाले के मामले में अदालत से कोई राहत नहीं मिली है. लिहाजा उन्हें कोर्ट ने 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई की रिमांड में सौंप दिया गया है.

इसका उद्देश्य आईएनएक्स मीडिया घोटाले की तह तक जाकर पता लगाना है. हालाँकि अदालत ने चिदंबरम के परिजनों और वकील को यह छूट दे रखी है कि वे रोजाना एक घंटे के लिए उनसे मुलाकात कर सकते हैं.

ध्यान देने वाला पहलू यह है कि सीबीआई ने जिस दलील को देकर चिदंबरम पर दबाव बनाया है उसका कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने विरोध किया है.

सिब्बल ने बताया है कि- व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले को नजर में रखते हुए अदालत को जमानत देना चाहिए. चुँकि सीबीआई ने चिदंबरम को केस के साथ किसी छेड़छाड़ का दोषी नहीं पाया है,

ऐसे में उन्हें हिरासत में लेना यथोचित नहीं लगता है. आपको बताते चलें कि पुरे मामले को केंद्र में रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम के केस का खुलासा तभी सम्भव होगा जब उसकी ठीक ढंग से पड़ताल की जाए.

आईएनएक्स मीडिया घोटाला धनशोधन का एक गंभीर मामला है जिसके खुलासे से किसी बड़े राज का पर्दाफाश किया जा सकता है. तुषार मेहता ने चिदंबरम पर जाँच में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया है.

इस सम्बन्ध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि- चिदंबरम एक वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने गृहमंत्री के साथ वित्तमंत्री का पदभार भी पूर्व में संभाला है, उनके ऊपर इस तरह का आरोप लगना निराशाजनक है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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