BY-THE FIRE TEAM
देश के प्रधानमंत्री जब भी देशवासियों को सम्बोधित करते हैं तो बताते हैं कि वे 24 घंटों में 18 घंटे भारत के विकास को सुनिश्चित करने, समृद्धि लाने के लिए कार्य करते हैं.
किन्तु यह बात समझ से परे लगती है कि इतनी मेहनत के बाद भी सरकारी कमपनियाँ इतने घाटे में कैसे चल रही हैं ? आपको बता दें कि इस समय राष्ट्रीय विमानन कम्पनी एयर इंडिया ने विगत आठ महीनों से
अनेक तेल कंपनियों से लिए गए ईंधन जो लगभग 5000 करोड़ रूपये मूल्य का है, चुका नहीं पा रही हैं. इसके कारण अब वे एयर इंडिया को ईंधन देने से मना कर रही हैं.
Air India owes Rs 5,000 cr in fuel dues; hasn’t paid in 230 days, says OMCs | Business News, The Indian Express https://t.co/y6nkfh3Z1F via @IndianExpress
— Aviation news105 (@newavi105) August 24, 2019
इस विषय में ऑयल इंडिया ने जानकारी देते हुए कहा है-एयर इंडिया के पास वैसे तो 90 दिनों के भीतर भुगतान करने का विकल्प होता है, जब वह तेल खरीदती है किन्तु यह अवधि पिछले दो सालों से सबसे खराब स्थिति में चली गई है.
मिली जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा ईंधन उपलब्ध नहीं कराये जाने पर कोच्चि, पुणे, पटना, राँची, मोहाली, विशाखापट्नम हवाई अड्डों पर तेल नहीं मिल रहा है.
The three firms — Indian Oil Corp, Bharat Petroleum Corp, Hindustan Petroleum Corp – have cut supplies to Air India and Alliance Air at six airports.https://t.co/BbbRhiQ6cw
— The Indian Express (@IndianExpress) August 24, 2019
यातायात सेवाओं में आई बाधा को दूर करने के लिए एयर इंडिया अन्य ईंधन प्रदाता कम्पनियों से ईंधन लेकर अपना कार्य कर रही हैं फिर भी स्थिति खराब है.