शासन-प्रशासन गठजोड़ से ग्राम प्रधान की बढ़ी दबंगई, ग्रामवासी खा रहे दर-दर की ठोकरें: प्रासखाड़ कुशीनगर


BY-THE FIRE TEAM


मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में आने वाले प्रासखाड़ ग्राम में बहुत ही अजीबोगरीब माजरा देखने को मिला. कहने को तो यहाँ की प्रधान गीता देवी हैं किन्तु

रिमोट कंट्रोल उनके पति जिनका नाम रामनगीना है के हाथों में है. यानि कि निर्णय लेने का कार्य प्रधान द्वारा नहीं अपितु प्रधानपति के माध्यम से किया जाता है.

विडंबना यह है कि सरकार की अनेक योजनायें जो शोषित, पीड़ित, लाचार और बेबस लोगों के लिए चलाई जा रही हैं उनका लाभ जो लाभार्थी नहीं हैं उनको मिल रहा है. जैसे- वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा आवास योजना, राशन कार्ड का वितरण,

मनरेगा के तहत काम की तलाश में लोगों का इधर-उधर भटकना, योजनाओं का सही निष्तारण न होना, चकनाली को चकरोड में बदल देना जिसकी वजह से पानी इकठ्ठा हो रहा है.

उसके सड़न से कई बीमारियाँ होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं, केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई किसान सम्मान निधि का वास्तविक लाभार्थी तक न पहुंचना, शौचालयों का अवैध तथा असमायोजित ढंग से निर्माण,

मानकों का पालन नहीं करना, शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थी से अवैध वसूली आदि ऐसी अनेक समस्याएं हैं जिनकी फेहरिश्त बड़ी लम्बी है.

इस सभी प्रकार की अनियमितताओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि प्रधानपति का प्रशासन में दखल है जिसके कारण ग्रामवासियों के द्वारा अनेक शिकायती पत्र देने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पा रही है.

इस विषय में ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान के पति के बड़े भाई दिनेश कुशवाहा जो ‘जिला ग्राम्य विकास अधिकरण’ कुशीनगर में कार्यरत है, जो न केवल हर जाँच को प्रभावित करता है

बल्कि लोगों पर धौंस जमाकर उनके ऊपर फर्जी मुकदमे में फ़साने की धमकी भी देता रहता है.

इस प्रकार की गतिविधियों पर सरकार द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि लोकतान्त्रिक मूल्यों की रक्षा की जा सके और जन कल्याण को सुनिश्चित किया जा सके.

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