राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती: ‘गाँधी सिर्फ अवशेष या आवश्यकता’


BY- युवा शक्ति संगठन


आज आयोजित संगोष्ठी और मार्च के माध्यम से युवाओं ने गाँधी के विचार समता, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता, सत्य,अहिंसा, ग्राम स्वराज की कल्पना, छुआछूत को मिटाने के लिए अभियान जैसे विषयों पर उनके विचारों को अपने निजी व सामाजिक जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

इस संगोष्ठी में कहा गया कि गाँधी के विचार क्या आज प्रासंगिक हैं? अगर हैं तो उनके विचारों को बुद्धजीवियों के सीमित दायरे तक आजादी के सत्तर सालों तक क्यों रखा गया?

 

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर कहा गया कि ‘जय जवान जय किसान ‘के नारे को यह सरकार अमल में लाने में नाकाम रही है।

आज देश में किसानों की दुर्दशा तथा युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या पर मौजूदा सरकार विफल साबित हुई है।

देश की सारी समस्याओं को छिपाने के लिए सरकार पाकिस्तान को दिखाकर जनता को मूर्ख बना रही है। देश में बेरोजगारी, बैंको के बढ़ते एनपीए, निजीकरण को रोकने में सरकार फेल हो चुकी है।

एक नीति के तहत उद्योगपतियों के पक्ष में इस तरह के हालात पैदा किये जा रहे हैं। अगर स्थिति ऐसी रही तो वो दिन दूर नहीं जब देश हिंसा की चपेट में होगा।

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