सीआरपीएफ जवान ने अपने पैतृक जमीनी विवाद में अधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर पान सिंह तोमर बनने की दी धमकी


BY- THE FIRE TEAM


छत्तीसगढ़ में तैनात एक सीआरपीएफ जवान ने अपने खेत की जमीन के विवाद में स्थानीय अधिकारियों की ओर से निष्क्रियता के विरोध में सैनिक-विद्रोही पान सिंह तोमर के नक्शेकदम पर चलने की धमकी दी।

जवान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश में उसके पैतृक घर हाथरस में जमीनी विवाद को लेकर अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है।

क्लिप में, जवान खुद की पहचान नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 74 वीं बटालियन के एक कांस्टेबल के रूप में तैनात प्रमोद कुमार के रूप में करता है।

प्रमोद ने आरोप लगाया कि उनके चाचाओं ने उनके पैतृक स्थान पर उनके खेत की जमीन पर जबरन कब्जा किया है और उनके परिवार के सदस्यों को मारने की धमकी दी है।

सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के कलेक्टर को निर्देश दिया कि वे यूपी में अपने समकक्ष से बात करें।

कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि हाथरस जिला प्रशासन ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

3.39 मिनट की क्लिप में, प्रमोद को यह कहते सुना गया, “मेरे तीन चाचाओं ने मेरी खेत की जमीन पर जबरन कर लिया है। मेरी पत्नी और मेरे भाई ने इसकी शिकायत हाथरस तहसील में की, लेकिन शिकायत दर्ज करने के तीन महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।”

उन्होंने दावा किया, “जब मैंने अपने कमांडेंट साहब को इस मामले की जानकारी दी, तो उन्होंने तीन महीने पहले पुलिस अधीक्षक (एसपी) और हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट को लिखा लेकिन न तो उन्हें (उनके अधिकारी) और न ही मुझे कोई प्रतिक्रिया मिली।”

प्रमोद ने आगे आरोप लगाया कि उनके चाचा ने उनके परिवार के सदस्यों को मारने की धमकी दी है और इसलिए वह पिछले चार महीनों से छुट्टी पर नहीं गए थे।

प्रमोद ने वीडियो में दावा कि, “उन्होंने (रिश्तेदारों) ने मेरे दो भाइयों और एक भाभी को बुरी तरह पीटा। उनके साथ मारपीट करने के बाद, उन्होंने मेरे एक भाई को यह मानकर छोड़ दिया कि वह मर गया है, जबकि दूसरा भाई लापता है। उसके जीवित होने का भी मुझे संदेह है।”

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनका नाम लिए बगैर जांच कराने की अपील की।

प्रमोद का दावा है कि सब कुछ जानने के बावजूद, हाथरस पुलिस कथित तौर पर कुछ नहीं कर रही है और अपने चाचाओं का समर्थन कर रही है जो राजनीतिक प्रभाव पैदा करते हैं।

प्रमोद ने कहा, “मैं राष्ट्र का एक सिपाही हूं, मैं कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहता। लेकिन जब मैं देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर सकता हूं, तो मैं अपने भाइयों के लिए पान सिंह तोमर बन सकता हूं। जय हिंद।”

कलेक्टर चंदन कुमार ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने अपने हाथरस के समकक्ष से बात की थी जिन्होंने हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

हाथरस के कलेक्टर ने कहा है कि वह इस मामले की तुरंत जांच करवाएंगे और यह पता लगाने के लिए कदम उठाएंगे कि राष्ट्र की सेवा करने वाले जवान के साथ कोई अन्याय न हो।

इस बीच, छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने भी कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है और उनसे इस मुद्दे का निवारण करने को कहा है।

तोमर सेना में एक सिपाही था जो बाद में 20 वीं शताब्दी में एक भूमि विवाद के बाद विद्रोही बन गया था।

बॉलीवुड निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने 2012 में तोमर पर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाई थी।


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