BY-THE FIRE TEAM
जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित सियाचिन ग्लेशियर वैसे तो जो दुनिया में सबसे कठिन और ऊँचे रणक्षेत्र के लिए जाना जाता है, किन्तु अब सरकार ने इस खूबसूरत स्थल को पर्यटकों के लिए खोलने का फैसला लिया है.
चुँकि सियाचिन की सीमा चीन और पाकिस्तान से मिलती है जिसके कारण यहाँ सुरक्षा तंत्र बहुत कड़ा किया गया है और यह पुरी तरह से फ़ौज के कब्जे में है. इसीलिए यहाँ जन-आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
आपको बताते चलें कि 1984 में पाकिस्तान ने अपने बुरे इरादों से इस क्षेत्र पर कब्जा ज़माने का प्रयास किया था लेकिन तभी भारतीय फ़ौज हरकत में आ गई और इसने ऑपरेशन मेघदूत
चलाकर पाकिस्तान के इरादों पर पानी फेर दिया, हालाँकि अभी भी उसकी गिद्ध दृष्टि इस ओर लगी रहती है. यदि सियाचिन में घटने वाली घटनाओं का पिछला रेकॉर्ड अगर खंगाला
जाए तो ज्ञात होता है कि यहाँ सैनिकों की शहादत के लिए युद्ध से ज्यादा इस स्थल का प्रतिकूल और ठंडा मौसम है जो वर्ष भर बर्फ से ढँका रहता है, तथा इसका तापमान
शून्य से -50 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे पहुँच जाता है, यही वजह है कि यहाँ सर्वाइव करना एक बड़ी टेढ़ी खीर है. इन कठिनाइयों के बावजूद भारतीय सेना का मनोबल कभी गिरता नहीं है
और 14 से 15 हजार फिट की ऊँचाइयों पर भी सेना ने यहाँ अपनी सुरक्षा चौकियाँ बना रखी है. जहाँ तक इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है
तो उसका खांका थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने तैयार किया है, यद्यपि पर्यटकों को लद्दाख की नुब्रा घाटी तक ही जाने की छूट दी गई है.