BY-THE FIRE TEAM
सरकार के प्रतिनिधियों, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठनों तथा भाजपा नेताओं ने छतरपुर में बैठक का आयोजन किया जिसमें एक साथ कई गंभीर मसलों पर मैराथन बहस चली.
जैसे-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के बाद की स्थिति, अयोध्या विवाद के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसले का प्रभाव क्या हो सकता है तथा असम में लागू किये गए एनआरसी आदि.
इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2021 में सम्पूर्ण देश में एनआरसी(NRC)को लागू किया जायेगा. इस संबंध में संघ के एक वरिषठ नेता ने
राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए यह बताया कि देश में घुसपैठियों की पहचान करने के लिए सभी राज्यों में एनआरसी को चरणबद्ध तरीके से लाना सबसे जरूरी है.
बैठक में यह भी तय किया गया है कि सबसे पहले एनआरसी के पक्ष में लोगों को भरोसे में लेने की जरूरत है तथा संवेदनशील राज्यों को चिन्हित किया जाना चाहिए जहाँ घुसपैठियों ने अपना कब्जा जमा लिया है,
क्योंकि इसका किसी भी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है. इसके अतिरिक्त अयोध्या विवाद पर आने वाला निर्णय जो भी हो उसे लोगों द्वारा स्वीकार करने का माहौल कैसे बनाया जाये इस पर भी चर्चा हुई.
जनसंख्या नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए भाजपा शासित राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में भी अभियान चलाकर काबू में किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
आपको बता दें कि असम में दो से अधिक बच्चों वाले दम्पत्तियों को सरकारी नौकरी नहीं दिए जाने के फैसले का स्वागत बैठक में किया गया.