BY-THE FIRE TEAM
मिली जानकारी के मुताबिक सत्तर वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे ने अपने प्रतिद्वंदी बावनवर्षीय प्रेमदास को तेरह लाख के भारी वोटों से पराजित करते हुए जीत दर्ज किया है.
इस अवसर पर उन्होंने एक मार्मिक वक्तव्य देते हुए कहा कि- “वे केवल उन्हीं लोगों के राष्ट्रपति (प्रतिनिधि) नहीं हैं बल्कि उन लोगों के भी साथ हैं जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया है.”
I am the President of not only those who voted for me but also those who voted against me and irrespective of which race or religion they belong to.
I am deeply committed to serve all the people of Sri Lanka. #VisionInAction #GR2020 #GOTAWithYou pic.twitter.com/jETeIK0qH2
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 17, 2019
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में वे अपने पड़ोसी देशों जैसे भारत, मालदीव आदि के साथ मधुर समबंध बनायेंगे तथा किसी भी प्रकार के अप्रासंगिक झगड़ों, विवादों जो अनेक देशों के बीच में है, उनसे दूर रहेंगे.
As a policy, we will maintain an equi-distant and yet, cordial relations with all countries and remain neutral in the power struggles amongst nations. I also appeal to all global leaders, to respect the sovereignty and unitary status of Sri Lanka pic.twitter.com/GoSFrS6Yk0
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 18, 2019
देश के नए राष्ट्रपति चुने जाने पर इन्होंने श्रीमहाबोधि में पूजा अर्चना किया तथा अपने शपथ ग्रहण करने से पूर्व ट्वीट किया कि जीत के लिए कोशिश करने से ज्यादा जरूरी होता है जीत को बनाये रखना.
गोटाबाया का यदि पिछला रिकॉर्ड देखा जाये तो इनकी पहचान टर्मिनेटर के रूप है जिसने श्रीलंका में विगत वर्षों में लम्बे समय तक चलने वाले लिट्टे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में लिप्त था,
का सफाया किया साथ ही गृहयुद्ध को भी समाप्त करने में अहम भूमिका निभाया.