BY-THE FIRE TEAM
गुजरात राज्य में आतंकवादी गतिविधयों को रोकने तथा किसी भी ऐसी चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार ने लम्बे समय से प्रतीक्षारत विधेयक (कानून) गुजसीटॉक को अंततः पारित करा लिया.
महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बना गुजसीटॉक (गुजरात संगठित अपराध एवं आतंकवाद निरोधक विधेयक) एक ऐसा कानून है जिसके पास हो जाने से अब पुलिस के अधिकारों में और वृद्धि हो गई है.
#QAhmedabad | New Gujarat anti-terror law to come into force from 1 Dec. This, and more:https://t.co/15b7peCbMf
— The Quint (@TheQuint) November 28, 2019
यानि इसके अंतर्गत पुलिस किसी का फोन टेप करके उसे बतौर सबूत के रूप में अदालत में पेश कर सकेगी. आपको बताते चलें कि इस विधेयक को 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में विधानसभा ने पारित किया था
तथा इसे राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए भेजा गया था किन्तु इस पर तीन-तीन राष्ट्रपतियों ने कुछ न कुछ खामियों की वजह से हस्ताक्षर नहीं किया जिसके कारण तभी से यह लटका हुआ था.
— Pranab Das (@PranabD22393576) November 30, 2019