भारत में हर चौथा व्यक्ति शराब पीने के बाद करता है हाथापाई


BY-THE FIRE TEAM


आये दिन देश में नशाखोरी जिस कदर बढ़ी है वह चिंताजनक है क्योंकि शराब पीने के कारण लोगों के बीच मारपीट, लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाना जिससे सड़क दुर्घटनाएँ होना आम बात है,

अनावश्यक तनाव आदि समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं. इसके अलावा तीज, त्यौहार और पर्व भी ऐसे पहलू हैं जिनके अवसर पर लोग शौक से अथवा आदतन शराब पीते हैं. इसी सन्दर्भ में एक आँकड़ा जारी किया गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ ने सर्वेक्षण करने के बाद एक आँकड़ा प्रस्तुत किया है जिसके अंतर्गत भारत में मदिरा का सेवन करने वाला प्रत्येक चौथा आदमी हंगामा जरूर करता है.

इसके अलावा किसी न किसी उत्सव अथवा पर्व पर हर दूसरा भारतीय भी कमोबेश चार बार जरूर शराब पीता है. मंत्रालय ने इस आदत को ‘हैवी एपिसोडिक ड्रिंकिंग’ यानि कि बहुत ज्यादे मदिरा पान करना करार दिया है.

इस संबंध में सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि भारत में लगभग 43 प्रतिशत लोगों की संख्या इसी श्रेणी (कटेगोरी) में शामिल हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया है कि-

  •  स्त्रियों (1.60) के मुकाबले मदिरा पान करने वालों में पुरुषों (27. 30) का प्रतिशत अधिक है
  •  पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने शराब पर ज्यादा नियंत्रण किया है

भारतीय शराबियों का प्रतिशत-

देश में शराब पीने वालों की आबादी की अगर बात की जाये तो यह 14.60 प्रतिशत है तथा इनमें 10 वर्ष से लेकर 75 वर्ष की आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर अल्कोहल का सेवन करने वाला वर्ग लगभग 16 करोड़ है जिनमें सभी आयु वर्ग के लोग आते हैं.

यदि शराबियों का राज्यवार विवरण दिया जाये तो 10 ऐसे राज्य हैं जिनकी 20 प्रतिशत आबादी अल्कोहल लेती है. इनमें गोवा, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, अरुणाचल और पंजाब आदि शामिल हैं, यद्यपि वर्तमान समय में सरकार ने बिहार और गुजरात में शराब पर बैन लगा दिया है.

सम्पूर्ण देश में मेघालय (3.4) और राजस्थान (2.1) ऐसे राज्य हैं जहाँ मदिरा का सेवन करने वाले लोगों का अनुपात सबसे कम है मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि 18 से 49 औसत आयु वाले व्यक्ति पीने के बाद रात की अपेक्षा दिन में हंगामा जरूर करते हैं.

देशी शराब है भारतियों की पसंद-
जी हाँ, भारत में देशी शराब और IMFL (देश में निर्मित होने वाली विदेशी शराब) की माँग सबसे अधिक है, और शराब पीने वाला हर तीसरा व्यक्ति इन उत्पादों का दीवाना है. वाइन पीने वाले मात्र 4 प्रतिशत हैं जबकि बियर पीने वालों का प्रतिशत 21 है.

 

 

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