BY-THE FIRE TEAM
कभी ‘विशेष राज्य’ का दर्जा प्राप्त के रूप में पहचाना जाने वाला ‘जम्मू कश्मीर’ भारत का एक ऐसा राज्य रहा है जो सदैव कभी खूबसूरती के नाम पर तो कभी आंतकवाद के लिए जाना जाता है.
यही वजह है कि इसका नाम लेते ही एक साथ कई प्रश्न मस्तिष्क में घूम जाते हैं. अभी अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने यहाँ धारा 370 तथा अनुच्छेद 35 ए को हटाकर इसे केंद्र शाषित प्रदेश बना दिया गया है.
वर्तमान में पीडीपी के पूर्व नेता और मंत्री रहे अल्ताफ बुखारी ने जेकेएपी (जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ) का गठन किया है, जिसके कारण एक बार पुनः यहाँ राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. दरअसल ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस राजनीतिक दल को भाजपा का अप्रत्यक्ष समर्थन हासिल है.
हालाँकि जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित करने की केंद्र की नीति को इन्होंने पीड़ादायक बताया है तथा केंद्र सरकार के इस कदम को कश्मीर के लोगों के आत्मसम्मान, गर्व और आत्मविश्वास को बुरी तरह प्रभावित करने वाला करार दिया है.
आपको बताते चलें कि इस पार्टी के संस्थापक अल्ताफ बुखारी की पहचान घाटी के सबसे अमिर नेताओं में से एक है. अपनी पार्टी का निर्माण करते हुए बुखारी ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने तथा रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में यहाँ के मूलनिवासियों का अधिकार बहाल करने का संकल्प लिया है.
अपनी पार्टी के विषय में इन्होंने घोषणा किया है कि यह नवीन दल ‘आम लोगों की, आम लोगों द्वारा, आम लोगों के लिए’ प्रारंभ की गई है. इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों की गरिमापूर्ण वापसी, युवाओं का विश्वास, महिलाओं का सशक्तिकरण तथा क्षेत्र का संतुलित विकास किये जाने की भी वकालत किया.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए इन्होंने बताया है कि कश्मीर में 1990 से जो दृश्य बना उसकी वजह से यह खूबसूरत घाटी मौत और बर्बादी का अड्डा बन गई है. ऐसे में इसे तत्काल सुधारने की जरूरत है.