BY-THE FIRE TEAM
कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देश में लॉक डाउन की घोषणा के कारण आवागमन पूरी तरह ठप्प है. हालाँकि राज्य सरकारों ने लोगों को यह आश्वासन दिया है कि उनकी रोजमर्रा की प्रत्येक आवश्यकता को देखते हुए घर तक पहुँचाने का कार्य किया जायेगा.
यह देखते हुए इस विषम परिस्थिति में एक बीमार बच्चे की माँ ने अपने बेटे के लिए ऊँट के दूध की माँग प्रधानमंत्री के ट्विटर अकाउंट पर किया. माँग की वास्तविकता का विश्लेषण करते हुए तथा जरूरत को महसूस करके
अधिकारियों ने आज न केवल अपनी कर्तव्यनिष्ठता दिखाई है बल्कि एक जिम्मेदार प्रशासक का कर्तव्य भी बखूबी निभाया है.
आपको बता दें कि मुंबई के चेंबर की रहने वाली नेहा सिन्हा ने प्रधानमंत्री को ट्वीट किया था कि- “सर मेरा साढ़े तीन साल का बच्चा है जो ऑटिज़्म और खाने की एलर्जी की समस्या से जूझ रहा है, वह केवल ऊँटनी के दूध और कुछ दालों पर ही निर्भर रहता है.”
मेरा इन चीजों का स्टॉक खत्म हो चुका है और इस लॉकडाउन के कारण इन वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. कृपया राजस्थान के सदरी से ऊँटनी का दूध लाने में मदद करें.
नेहा के इस ट्वीट का संज्ञान लेते हुए राजस्थान के अधिकारियों ने आपस में बात करके ऊँटनी के दूध का प्रबंध किया तथा पंजाब के लुधियाना से बांद्रा टर्मिनस आने वाली कार्गो ट्रेन जिसका नंबर 00902 है को राजस्थान के फालना स्टेशन पर रुकने का आदेश दिया गया,
क्योंकि दूध की डिलीवरी देने वाले सुप्प्लायर ने सदरी से फालना तक आने की बात कही थी.
हालाँकि इस ट्रेन का यहाँ स्टॉपेज नहीं था फिरभी उसे विशेष आदेश से रोका गया तत्पश्चात ट्रेन का गुड्स बुकिंग काउण्टर खोलकर दूध रखा गया और फिर उसे महिला के घर तक पहुँचा दिया गया.