BY-THE FIRE TEAM
- देश की सर्वोच्च न्यायापालिका का पैरोकार ही जब इस तरह का पीड़ादायक वक्तव्य देने लगे तो न्याय के मंदिर में बैठा इस देवता की मज़बूरी और विवशता को संजीदगी के साथ महसूस किया जा सकता है
मिली जानकारी के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने न्याय वयवस्था और कानून को लेकर अपने विदाई समारोह के दौरान बहुत ही चौंकाने वाला बयान दिया है.
Supreme Court judge Justice Deepak Gupta on Wednesday rued that the country’s “laws and… legal system are totally geared in favour of the rich and powerful”https://t.co/HSd6hIMCac
— The Indian Express (@IndianExpress) May 7, 2020
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जो अमिर और शक्तिशाली है वह सलाखों के पीछे है तो वह मामले की पेंडेंसी के दौरान बार-बार
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अपील करता है कि उसकी सजा को आगे बढ़ाया जाये जब तक कोर्ट से यह आदेश नहीं मिल जाये कि मामले की त्वरित कार्यवाही किया जाये.
गरीबों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए न्यायपालिका को तेजी दिखानी चाहिए क्योंकि इनके पास न तो पहुँच होती है और न ही पैसे.
Justice Gupta says, “I knew what my limitations were. I may have stretched the boundaries of law, but I have never stretched the boundaries of law” on the issue of independence and the integrity of the judiciary.
— Live Law (@LiveLawIndia) May 6, 2020
वहीं जब जस्टिस गुप्ता से न्यायपालिका के संबंध में सुधार के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि- नियुक्तियों में हो रही देरी को दूर करके लंबित मामलो का तेजी के साथ निपटारा किया जाये तथा न्यायपालिका में पारदर्शिता को बढ़ाने की जरूरत है ताकि इसकी स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया जा सके.
इसके अलावे उन्होंने अपने सेवानिवृति के बाद सरकार के तरफ से किसी पद को स्वीकार करने से भी इंकार करने की बात स्वीकारी है. आपको बताते चलें कि रंजन गगोई जब अपने पद से हटे थे तो
उन्होंने राज्य सभा की सदस्यता ले ली हालाँकि उनके इस कृत्य की काफी आलोचना की गई और उन पर सरकार का दलाल जैसे आरोप भी लगाए गए थे.
जस्टिस गुप्ता के द्वारा दिए गए कुछ अहम निर्णय?
नाबालिग पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाना अपराध माना जायेगा,
बाल अपराध, विधवाओं की स्थिति में सुधार आदि ऐसे मामले रहे हैं हैं जिनके संबंध में उनके फैसले सदैव याद रखे जायेंगे.