BY-THE FIRE TEAM
- आजान को मुद्दा बनाकर जब-तब बयानबाजियां की जाती रही हैं कुछ दिनों पूर्व प्रसिद्ध गायक सोनू निगम ने भी कहा था कि उन्हें न चाहते हुए आजान को सुनना पड़ता है
- इसी प्रकार बॉलीवुड के जाने माने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने भी आजान के विषय में आपत्ति जताया था
मिली जानकारी के अनुसार इस्लाम धर्म के धार्मिक स्थल मस्जिदों में दिए जाने वाले आजान को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ा ही आश्चर्यजनक फैसला दिया है.
लाउडस्पीकर से आजान देना जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई है.
इसी के मद्देनजर अधिकत्तर धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है, हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में कोरोना बचाव को ध्यान में रखकर उचित मानकों को पूरा करते हुए विविध मामलों में सुनवाई भी जारी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- ‘लाउडस्पीकर से अजान पर रोक सही, जबरन कुछ सुनाने का हक नहीं’#AllahabadHighCourt | #Allahabad_High_Court | #Allahabad | #Azaan https://t.co/B0FG7MNgiV
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) May 16, 2020
क्या मस्जिदों में लाउडस्पीकर के माध्यम से आजान देना बिल्कुल जरुरी है ? इस पर निर्णय देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसे इस्लाम का जरुरी भाग नहीं स्वीकार किया है.
यद्यपि उच्च न्यायालय ने यह कहा कि जब लाउडस्पीकर नहीं था तब भी लोग नमाज के लिए एकत्र होते थे. अनुच्छेद 21 हमें जीवन का अधिकार देता है और हम किसी के इस मौलिक अधिकार को छीन नहीं सकते हैं.
हालाँकि मुस्लिमों का समूह इस निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए तैयार है. यदि नमाज के समय लाउडस्पीकर नहीं था तो इसके आलावा भी बहुत कुछ नहीं था जिसका इस्तेमाल आज हो रहा है.
आधुनिक काल की ये तकनीकें हैं जिनका प्रयोग जारी है, लिहाजा कोर्ट को अपने निर्णय पर विचार करने की जरूरत है.