BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकतंत्र की समर्थक, नागरिक अधिकारों को स्थापित करने तथा शांति और समृद्धि के लिए प्रयासरत साई इंग वेन ने ताइवान की राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल प्रारम्भ करते ही
चीन को स्पष्ट शब्दों में जवाब देते हुए कह दिया है कि ताइवान कभी भी चीन द्वारा अपनाई जाने वाली पॉलिसी वन कंट्री, टू सिसटम को स्वीकार नहीं करेगा.
Taiwan inauguration: Pres. Tsai Ing-wen pledges to expand int’l presence; rejects One Country, Two Systems https://t.co/082xvm8we1 @lnachman32 @creery_j #Taiwan pic.twitter.com/TMYoBxJj6h
— Hong Kong Free Press HKFP (@hkfp) May 20, 2020
यद्यपि चीन ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए बताया है कि वह ताइवान की स्वतंत्रता को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा, अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो सेना का प्रयोग किया जायेगा.
वर्तमान समय में बदली हुई परिस्थितियों के सन्दर्भ में चीन और ताइवान के रिश्ते नए मोड़ लेते जा रहे हैं. इनके बीच तनाव के गहरे होने से इस तरह की हॉट टॉक बढ़ती जा रही है.
आपको यहाँ बताते चलें कि पेशे से शिक्षक रहीं साई वेन हमेशा से लोकतान्त्रिक मूल्यों की समर्थक रही हैं और इसी का परिणाम है कि उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने हुए चुनाव में भारी जीत दर्ज किया था.
हालाँकि चीन को ताइवान की यह आजादी रास नहीं आ रही है, यही वजह है कि वह प्रत्येक ढंग से अपना दबाव बना रहा है. दरअसल चीन ने 2049 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है कि वह ताइवान को पूरी तरह से अपनी भौगोलिक सीमा का हिस्सा बना लेगा.