वाजपेयी की आलोचना करने पर बिहार के असिस्टेंट प्रोफेसर की मॉब लिंचिंग की कोशिश

बिहार के मोतिहारी जिले में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर संजय कुमार पर शुक्रवार को कुछ लोगों ने जानलेवा हमला किया था। संजय कुमार की हालत बेहद नाजुक होने के कारण उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर किया गया था। यहाँ उनकी स्थिति आज भी गंभीर बनी हुई है। मृत्युंजय कुमार ने बताया कि राहत की बात यह है कि रात 3:00 बजे के बाद संजय बेहोश नहीं हुए हैं पहले तो थोड़ी देर में वह बेहोश हो जा रहे थे।

संजय कुमार की पोस्ट
SANJAY KUMAR

पुलिस ने बताया कि बिहार के मोतिहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर से मारपीट के आरोप में अब तक 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 325, 341, 147, 148, 149, 365, 448, 506 और 120-B के तहत केस दर्ज किया गया है।

बताते चलें कि प्रोफेसर ने फेसबुक पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ आलोचनात्मक पोस्ट शेयर की थी जिसके चलते कुछ लोग भड़क गए और प्रोफेसर की पिटाई कर दी।

अपनी एक पोस्ट में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को संघी कहा है। इसमें लिखा है कि वजपेयी जी ने अपनी भाषण देने की कला से हिंदुत्व को मिडिल क्लास के बीच सेक्सी बना दिया’। वहीं एक दूसरी पोस्ट में संजय ने लिखा कि ‘भारतीय फासीवाद का एक युग समाप्त हुआ’।

फिलहाल अब संजय कुमार की फेसबुक प्रोफाइल पर यह पोस्ट नजर नहीं आ रही है। मृत्युंजय कुमार के अनुसार इस पोस्ट पर जितनी गालियां पड़ी थी, शायद उसे देखते हुए फेसबुक ने इसे स्पैम में डाल दिया होगा।।

बताया यह भी जा रहा है कि केवल सोशल पोस्ट ही हमले की वजह रही हो ऐसा भी नहीं क्योंकि संजय कुमार बीते कुछ महीनों से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ संघर्ष करते आ रहे थे। मृत्युंजय कुमार के अनुसार वे लोग विभिन्न मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ 29 मई से ही शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हुए हैं।

बीबीसी की खबर के अनुसार यह बताया गया है कि संजय कुमार ने पुलिस के पास दर्ज अपनी शिकायत में यह कहा है कि उनके साथ मारपीट करने वाले लोग उन्हें इस्तीफा देने और यहां से भागने की बात कह रहे थे।

दूसरी ओर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के शिक्षक संघ ने संजय कुमार पर हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए अपना एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है; ‘ एक कथित फेसबुक पोस्ट को बहाना बनाकर अराजक तत्वों ने मॉब लिंचिंग के रूप में एक साजिश के तहत डॉक्टर संजय पर हमला किया और उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की, एक शिक्षक को सरेआम मारने, जलाने का तांडव होता है और कुलपति महोदय शिक्षक को देखने तक नहीं आते’।

स्थानीय पत्रकार नीरज सहायक के अनुसार ‘यह घटना शुक्रवार दोपहर लगभग 1:00 बजे की है लेकिन पुलिस ने घटना के करीब 7-8 घंटे बाद प्राथमिकी दर्ज की’।

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