बिहार के छोटे से शहर से उठकर मुंबई में बॉलीवुड के फ़िल्मी सितारों के बीच अपनी प्रतिभा के बल पर सबके दिलों में इतने कम समय में जो मंजिल और मुकाम सुशांत ने हासिल किया था वह अद्भुत उपलब्धि मानी जाती है.
किन्तु इतनी जिजीविषा रखने वाले कलाकर का मात्र 34 वर्ष की अवस्था में फांसी लगाने की घटना किसी के गले नहीं उतर रही है. शायद यही वजह है कि उनकी मृत्यु पर चोटी स्तर के अभिनेता से लेकर नेता तक सभी दुखी हैं और सबने उनको भाबभिनि श्रद्धांजलि अर्पित किया है.
इनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा है-
लोकप्रिय अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का यूँ अचानक जाना हिंदी फ़िल्म जगत और उनके चाहनेवालों के लिए अत्यंत दुखद एवं स्तब्धकारी है… ‘धोनी’ के रूप में उनकी भूमिका हमेशा अमर रहेगी.
भावपूर्ण श्रद्धांजलि!#SushantSinghRajput pic.twitter.com/ZyliRga6Cc
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 14, 2020
जबकि पत्रकार रुबिका लियाकत ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखते हुए उनकी उपलब्धियों को विश्लेषण के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया.
अपने करियर के उरूज पर… वो सब कुछ था जिसकी तमन्ना लिए जीता है कोई या फिर वो ‘सब कुछ’ कुछ नहीं था उसके आगे,जिसकी तमन्ना मन में थी…. #RIPSushant pic.twitter.com/NueRP9jAQL
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) June 14, 2020
हालाँकि फांसी की वास्तविक हकीकत क्या थी इसका पता अभी नहीं चल सका है किन्तु उनके कमरे से जो दवाइयाँ मिली हैं उससे कुछ अनुमान लगाया जा रहा है कि जब से उनकी मैनेजर ने खुदखुशी किया था तभी से वे काफी डिप्रेशन में चल रहे थे.
नर्तक, टीवी सीरियल कलाकार से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले सुशांत राजपूत ने काई पो चे, शुद्ध देशी रोमांस, केदारनाथ, छिछोरे आदि ऐसी अनेक यादगार फिल्मों में जोरदार अभिनय करके अपने व्यक्तित्व का लोहा मनवाया था.
फ़िलहाल इस कोरोना महामारी में बॉलीवुड ने जिन दिग्गज कलाकारों-इरफ़ान खान, ऋषि कपूर से लेकर अब सुशांत राजपूत तक को खोया है, वह बड़ी क्षति मानी जा रही है.