सात साल पहले एक आदमी विनोद राय, नियंत्रक महालेखक परीक्षक ने कहा कि- एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. दूसरे आदमी अन्ना हजारे (प्रसिद्ध समाजसेवी) ने इस घोटाले की बात को जनता को समझाने के लिए दिल्ली में आंदोलन चलाया.
उसके साथ तीसरी महिला किरण बेदी (देश की प्रथम महिला आईपीएस बनने का ख़िताब), चौथा आदमी अरविन्द केजरीवाल (आईआरएस) भी जुड़ा. पांचवें आदमी रामदेव (योगगुरु के रूप में चर्चित) ने 2G घोटाले को जनता को समझाने के लिए एक और आंदोलन चलाया.
छठा आदमी सुब्रह्मण्यम स्वामी जो इसे सुप्रीम कोर्ट लेकर गया. सातवें आदमी यानि वर्तमान प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने इन सब आदमियों की मेहनत को कंपाइल करके जनता से इस घोटाले के खिलाफ वोट मांगा.
अब सात वर्षों बाद… सभी आरोपी बरी हो गए यानी घोटाला हुआ ही नहीं था. अभी पहला आदमी (विनोद राय) पद्म भूषण पाकर बैंक बोर्ड का बॉस बना हुआ है, दूसरा आदमी अन्ना हजारे Z+ लेकर चुप है, तीसरी महिला (किरन बेदी) उप राज्यपाल हैं, चौथा आदमी (अरविंद केजरीवाल) दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं.
पांचवां आदमी बाबा रामदेव पतंजलि कंपनी स्थापित करके अरबों का कामयाब बिजनेसमेन बन गया. जबकि छठा आदमी सुब्रमण्यम स्वामी सांसद बन गया और सातवां आदमी प्रधानमंत्री बन गया और हम बेवक़ूफ़ बन गए हैं. सही मायनों में मजाक इसी को कहते हैं……. !!