प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत उनके(इमरान खान) देश के साथ रचनात्मक और सार्थक बातचीत का आकांक्षी है।
सूत्रों ने पत्र का हवाला देते हुए बताया कि मोदी ने कहा है कि; ‘भारत पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण पड़ोसी रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध है।’
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से मुक्त दक्षिण एशिया के लिए काम करने की जरूरत पर भी जोर दिया है।
बताते चलें कि इमरान खान ने बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी शपथ ली है। यह शपथ समारोह पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन ‘एवान-ए-सद्र’ में आयोजित हुआ था। जिसमें 65 वर्षीय खान को राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पद की शपथ दिलाई थी।
इमरान खान ने शपथ ग्रहण समारोह में क्रिकेट की दुनिया में रहे अपने कुछ खास दोस्तों को भी बुलाया था। इनमें पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, क्रिकेटर से कमेंटेटर बने रमीज़ राजा, तेज गेंदबाज वसीम अकरम सहित पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी उपस्थित थे।
इस शपथ ग्रहण समारोह की खास बात यह रही कि इमरान खान ने अपने पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं भेजा था।
1992 के क्रिकेट विश्वकप में पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले कप्तान इमरान खान पिछले 22 सालों से राजनीति की दुनिया में अपनी किस्मत आजमाते आ रहे हैं।
क्रिकेट से सियासत का 22 साल लंबा सफर तय करने के बाद इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने इस साल(2018) हुए पाकिस्तान के आम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में 116 सीटों के साथ पीटीआई सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। बाद में 9 निर्दलीय उम्मीदवारों के खान की पार्टी में शामिल होने से उनकी संख्या बढ़कर 125 हो गई।
11 अगस्त को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने महिलाओं,अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित सीटों पर सफल उम्मीदवारों की घोषणा की। इस घोषणा के बाद पीटीआई के पास 158 सदस्यों के मत हो गए थे। इसके अलावा संसद में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में 28 सीटें और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 10 में से 5 सीटें मिलने के बाद पीटीआई के सदस्यों की संख्या और भी बढ़ गई।
बताते चलें कि पाकिस्तान के 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 172 मतों की जरूरत होती है। बीते 17 अगस्त को हुए चुनाव में खान को 176 सदस्यों का जबकि शरीफ को मात्र 96 सदस्यों का समर्थन ही प्राप्त हो पाया।
इस जीत से पाकिस्तान में एक नई पार्टी की सरकार बनी है जिसने पाकिस्तान-मुस्लिम-लीग-नवाज और पाकिस्तान-पीपुल्स-पार्टी के बीच चल रही सत्ता की अदला-बदली का सिलसिला खत्म कर दिया है।
पाकिस्तान के मियांवाली में 1952 में जन्मे इमरान खान ने 1996 में अपनी एक नई पार्टी बनाई थी। जो 22 साल बाद अब जाकर सत्ता में आ पाई है।
इमरान खान के पिता का नाम इकरामुउल्ला खान नियाजी और माता का नाम शौकत ख़ानम है।
इनके पिता पश्तून नियाजी कबीले से संबंध रखते हैं।
source-PTI