सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अंतिम अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब वैसे व्यक्ति जो सामान्य हलके और मध्यम रंग-दोष (कलर ब्लाइंडनेस) से पीड़ित हैं, उन्हें भी यह इजाजत है कि अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर गाड़ी चला सकते हैं.
आपको यहाँ बताते चलें कि यह आदेश देने से पहले मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स) के नेत्र विशेषज्ञयों की टीम से सलाह ली गई थी. इन चिकित्स्कों के दल ने जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डीएल जारी
करने के मानकों के विषय में जानकारी इकठ्ठा किया तो इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सामान्य वर्णान्धता से ग्रसित व्यक्ति भी लाल और हरे रंग की ट्रैफिक लाइट के मध्य अंतर कर पाने में सक्षम है, हालाँकि यह गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है.
Citizens with mild to medium colour blindness can also obtain Driving Licensehttps://t.co/JqNqP3d63D
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 27, 2020
इस आदेश के बाद गाड़ी चलाने के लिए शौक़ीन लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें किसी तरह के मेडिकल परीक्षण से नहीं गुजरना होगा किन्तु इतना जरूर है कि उनको मेडिकल के फॉर्म 1 ए में अपनी वर्णानधता संबंधी जानकारी भरनी होगी.
Notification issued for amendment to FORMs 1 and 1A of Central Motor Vehicles Rules 1989 for enabling Citizens with mild to medium colour blindness in obtaining driving license: Ministry of Road Transport and Highways
— The Times Of India (@timesofindia) June 26, 2020