कानपुर मुठभेड़: सीओ और इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिस कर्मी हुए शहीद

राष्ट्रिय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) के अगर अपराध संबंधी दिए गए आँकड़े खंगाले तो ज्ञात होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून वयवस्था को संभालना कितना चुनौतीपूर्ण हो चुका है.

ताजा मामला कानपूर जनपद के अंतर्गत आने वाले थाना चौबेपुर के विकरू गांव का है जहाँ दबिश देने गई पुलिस पर बदमाश विकास दुबे के साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया.

इस घटना में सीओ और इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए हैं जबकि 4 पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए हैं जिनमें एक सिपाही के पेट में गोली लगने के कारण उसकी हालत बहुत नाजुक बनी हुई है.

पूर्व प्रधान और जिला पंचायत सदस्य रह चुके विकास दुबे के विषय में ऐसा बताया जाता है कि-“वह इतना खूंखार अपराधी है कि उसने 2001 में राजनाथ सिंह की सरकार में राजयमंत्री का दर्जा पाने वाले मंत्री संतोष शुक्ल की थाने में घुसकर हत्या कर दिया था.”

इस सम्पूर्ण घटना पर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ ने शोक व्यक्त करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों को ढाढ़स और धैर्य बनाये रखने के लिए कहा है.

कौन है विकास दुबे?

25000 रूपये के घोषित इनामी बदमाश जरायम की दुनिया का एक ऐसा अपराधी है जिस पर साठ से अधिक मामले दर्ज हैं और इनमें से तिरपन तो हत्या के प्रयास से जुड़े हुए हैं.

पुलिस के पास ऐसी सूचना थी कि विकास अपने साथियों के साथ गांव में छिपा हुआ था, जैसे ही पुलिस ने दबिश दिया उसके साथी घरों की छतों पर चढ़कर गोलियां बरसानी शुरू कर दिया.

 

 

 

 

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