कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दुनिया में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही ऐसी संभावना व्यक्त की गई थी कि बच्चों में जन्म दर में बढ़ोत्तरी होगी जिससे आबादी में उछाल देखने को मिलेगा.
किन्तु वर्तमान ताजा सर्वेक्षण जिसे लंदन स्कुल ऑफ इकोनॉमिक्स ने कराया है, ने इस बात का खुलासा किया है कि ऐसे दम्पत्ति जिनकी आयु 30 से 40 वर्ष है उन लोगों ने फ़िलहाल एक साल तक बच्चों की चाहत को त्याग दिया है.
यानि कि कोरोना काल में बेबी बूम का अनुमान गलत सिद्ध हुआ है, यह आँकड़ा यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस, इटली सहित एशियाई देशों के लिए भी सही साबित हो रहा है.
कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के संबंध में देखा जाये तो यह विश्व में चौथे स्थान पर पहुँच चुका है, हालाँकि यहाँ कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग आठ लाख तक पहुँच चुकी है.
किन्तु फिरभी भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में 63 प्रतिशत रिकवरी रेट है जिसका मुख्य कारण भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना है.
Recovery rate among #COVID19 patients stands at about 63%, mortality rate is just 2.72%. We are not concerned about the number of cases. We are ramping up testing so that maximum cases can be detected & treated: Union Health Minister #HarshVardhan (1/2)#Coronavirus #India pic.twitter.com/f6FkIV2xUZ
— First India (@thefirstindia) July 10, 2020
इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा है कि मृत्यु दर में कमी तथा किसी प्रकार के कमुनिटी ट्रांसमिशन के न होने के कारण कोरोना वायरस चिंता का विषय नहीं है हम अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं ताकि मरीजों की पहचान करके उनको बचाया जा सके.