भगवान राम मूलतः नेपाल के रहने वाले थे अयोध्या के नहीं: केo पीo शर्मा ओली

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित भगवन राम के अस्तित्व को लेकर एक लम्बे समय तक चले विवाद का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा होने के बाद भी कई अटकलें अभी विचार की पृष्भूमि बना रही हैं.

जैसे-अयोध्या में मिले अवशेषों को देखकर ऐसा लगता है कि वहाँ बौद्धों की विरासत थी इसीलिए बौद्ध धर्म के मानने वाले बड़े जनसमूह ‘साकेत (अयोध्या) बचाओ’ का आंदोलन चला रहे हैं.

वहीं भारत के पडोसी देश नेपाल से अभी सीमा विवाद का मामला ट्रैक पर आया ही था कि वहां के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राम को लेकर एक विवादित दे दिया है. इस विषय में ओली ने कहा है कि- “भगवान राम नेपाली थे और उनकी  अयोध्या नेपाल के वीरगंज में थी.”

ओली यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि-” भारत ने नेपाल का सांस्कृतिक अतिक्रमण भी कर लिया है. प्राचीन समय में लोग विवाह इतनी दूर जाकर नहीं करते थे बल्कि आस पास के साम्राज्य में ही विवाह संबंध स्थापित होते थे.”

अपनी बात को मजबूत करने के लिए उन्होंने खुद ही पूछा कि यदि अयोध्या उत्तर प्रदेश में थी तो सीता से विवाह करने के लिए राम जनकपुर कैसे आये? दोनों में सम्पर्क कैसे हुआ? हालाँकि उस समय कोई फोन जैसी सुविधा नहीं थी.

आपको यहाँ बता दें कि वर्तमान समय में भारत और नेपाल के रिश्तों में कुछ खटास आ गई है जिसके कारण दोनों देशों के बीच परपरागत संबंधों में दूरियां बढ़ी हैं.

अभी नेपाल ने भारतीय मीडिया को अपने देश में बैन कर दिया था, यह कहते हुए कि नेपाली नेताओं की छवि को खराब करने का कार्य भारत के न्यूज चैनल कर रहे हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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