बीते 22 अगस्त को भारतीय पुरुष हॉकी टीम और हांगकांग की हॉकी टीम के साथ खेले गए मैच में एक नया रिकॉर्ड बना है।
इस मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई खेलों के पूल B मैच में हांगकांग को 26-0 से हराकर 86 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। इस मैच के दौरान दोनों टीमों के बीच गहरी खाई साफ नजर आ रही थी। जिसमें हांगकांग की टीम भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सामने कहीं टिकती नजर नहीं आ रही थी।
बताते चलें कि इससे पहले 1932 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इस मैच में हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद भी मौजूद थे, इनके अलावा रूपचंद और गुरमीत सिंह भी मौजूद थे। यह मैच लॉस एंजिलिस ओलंपिक में खेला गया था जिसमें अमेरिका को भारत ने 24-1 से बुरी तरह पराजित किया था। जो तब से लेकर 22 अगस्त 2018 तक भारत की सबसे बड़ी जीत बनी हुई थी। फिलहाल अब 26-0 से हांगकांग को मात देकर भारत ने हॉकी में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
अगर बात की जाए अंतरराष्ट्रीय हॉकी में सबसे बड़ी जीत की तो यह रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है। इस देश ने 1994 में समोआ को 36-1 से मात देकर इतिहास के पन्नों में अपने नाम एक नया कीर्तिमान दर्ज कराया था। हिमालय पहाड़ के जैसे लंबे-चौड़े इस रिकॉर्ड को अब शायद ही कोई देश लांघ पाए।
भारत और हांगकांग के बीच खेले गए मैच के कुछ खास पहलू भी हैं। इसमें सबसे खास पहलू यह है कि जब मैच के केवल 7 मिनट बचे थे तब ही टीम इंडिया ने गोलकीपर को मैदान से हटा लिया था। मैच में भारत के कुल 13 खिलाड़ियों ने गोल किये जो अपने आप में खास है।
भारत की ओर से रुपिंदरपाल सिंह( तीसरे,पांचवे,30वें,45वें,59वें), हरमनप्रीत सिंह(29वें,52वें,53वें,54वें) तथा आकाशदीप सिंह( दूसरे,32वें,35वें मिनट) ने हैट्रिक बनाई। इन तीनों खिलाड़ियों की हैट्रिक ने मैच को एक नया रूप प्रदान किया जिससे दर्शकों का उत्साह आसमान छू रहा था।
इन तीनों के खिलाड़ियों के अलावा भारत की तरफ से मनप्रीत सिंह, ललित उपाध्याय और वरुण कुमार ने दो-दो जबकि एसवी सुनील, विवेक सागर प्रसाद, मनदीप सिंह, अमित रोहिदास, दिलप्रीत सिंह, चिंगलेनसाना सिंह, सिमरनजीत सिंह और सुरेंदर कुमार ने एक एक गोल किए।
इस मैच को लोगों ने पहले से ही एकतरफा कह दिया था क्योंकि भारत दुनिया की पांचवें नंबर की टीम है जबकि हांगकांग का नंबर 45 में स्थान पर आता है। भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह इस बड़ी कामयाबी से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि ‘वे अब विरासत का हिस्सा हैं जिन्हें भारतीय हॉकी इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।’
हरेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ”मेरे लिए यह मायने नहीं रखता लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह गौरवपूर्ण लम्हा है। जब इतिहास पर चर्चा होगी तो इन 18 खिलाड़ियों का नाम वहां होगा। रिकॉर्ड हमेशा खिलाड़ियों के लिए होते हैं।”
भरत ने इस मैच में काफी तेज शुरुआत की थी और पहले 5 मिनट में ही 4 गोल दाग दिए यानी कि औसतन लगभग 1 मिनट में एक गोल। मध्यांतर तक आते-आते भारत की स्थिति और मजबूत हो गई, इस समय भारत 14-0 आगे हो गया।
बताते चलें कि इस मैच के पहले भारत ने अपने पूल मैच में मेजबान इंडोनेशिया को भी 17-0 से हराया था।
भारत का अगला मुकाबला शुक्रवार को जापान से होगा।