गोरखपुर के हॉस्पिटलों में कोरोना बीमारी का इलाज केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून-वयवस्था तथा सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने का जितना भी दम्भ भर लें किन्तु वास्तविकता कुछ और ही है.

विगत दिनों में जिस कदर आपराधिक घटनाएं घटी हैं चाहें खुद पुलिस से ही जुड़ी क्यों न हों, किन्तु निराशा ही देखने को मिली है. अभी वर्तमान दौर में सरकार कोरोना महामारी को लेकर कितना संजीदा है,

इसकी भी पोल खुलती नजर आ रही है इस विषय में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है वही गोरखपुर के हॉस्पिटलों में कोरोना बीमारी का इलाज केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है.

न गरम पानी की व्यवस्था है, न काढ़ा, न ही भोजन की व्यवस्था ठीक है और अस्पतालों में साफ़ सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब है. मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही हो रही है.

नगीना प्रसाद साहनी ने पिपराइच थाना क्षेत्र के बच्चे बलराम की हत्या पर दु:ख भी व्यक्त किया है तथा शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि-

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर से अपहृत पांचवीं के छात्र बलराम की हत्‍या पर दु:ख व्यक्त करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना, मृतक बच्चे की आत्मा को शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

तथा पीड़ित परिवार को 2 लाख ₹ की आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया व सरकार से 50 लाख ₹ मुआवजा देने व कातिलों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है.

जिलाध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बहुत ही संवेदनशील है पीड़ित परिवारों की मदद हमेशा करते रहते हैं.

 

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