भारत द्वारा चीन पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों से बौखलाया ड्रैगन, इसे WTO के नियमों के विरुद्ध बताया

चीन की नापाक हरकतों चाहे सीमा विवाद हो अथवा गलवान घाटी में बीस से अधिक भारतीय सैनिकों की हत्या जिसके खिलाफ भारत ने जब कड़ा रुख अपनाया तो वह बौखला गया तथा भारत द्वारा आरोपित आर्थिक प्रतिबंधों को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के विरुद्ध बताया.

दरअसल भारत अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए 59 चाइनीज ऍप्लिकेशन जैसे- टिक- टॉक, यूसी ब्राउज़र, हेलो, वी चैट आदि को प्रतिबंधित कर दिया जिससे चीन को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Indian infra can do without China if Modi government steps up ...

इस विषय में चीन के राजदूत सैन वेडोंग ने बताया है कि वर्तमान में वैश्विक अर्थवयवस्था एक दूसरे देशों से जुड़ी हुई है. खुद भारत चीन के साथ अनेक तरह के व्यापारों में संलिप्त है, ऐसे में भारत द्वारा चीन पर प्रतिबंध लगाना आर्थिक गतिविधियों को धीमा करना होगा.

अगर 2018-2019 के आँकड़ों को देखा जाये तो भारत 92 प्रतिशत कम्प्यूटर, 82 प्रतिशत टीवी सेट, 85 प्रतिशत मोटर साईकिल के पार्ट्स जबकि 80 प्रतिशत ऑप्टिकल फाइबर चीन से आयात करता है.

ऐसे में ये उद्योग धंधे दोनों देशों के नागरिकों के लिए रोजगार के भी बड़े जरिया हैं. टैरिफ बैरियर द्विप- क्षीय संबंधों को कहीं न कहीं नुकसान ही पहुँचाते हैं. अतः हमें सॉफ्ट विकल्पों पर विचार करने चाहिए ताकि व्यापार-वाणिज्य सुगमता पूर्वक चल सके.

 

 

 

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