NEW EDUCATION POLICY 2020: शिक्षा व्यवस्था में किस तरह की लाएगी तब्दीली

वर्तमान केंद्र सरकार का एक बड़ा स्टैंड नवीन शिक्षा नीति के रूप में लाया गया है जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली को हर स्तर से प्रभावित करेगी. इस संबंध में जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर

एम जगदीश कुमार का कहना है कि- यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐतिहासिक है क्योंकि नवीन शिक्षण नीति 2020 लाने से पूर्व ग्राम पंचायतों से लेकर जिले स्तर तक विभिन्न लोगों से अनेक विषयों पर चर्चा की गई, तत्पश्चात इसे अंतिम कार्य रुप दिया गया.

देश के अलग-अलग राज्य सरकारें भी इस में परिवर्तन लाने के लिए अपने सुझाव दिए तथा राज्य के अनुसार किस तरीके के नवीन मानक और नियम अपनाए जाने चाहिए थे, उन सारे बिंदुओं का पूरा ध्यान रखा गया.

इसीलिए इसे समावेशी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दर्जा भी दिया गया है. इस शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा सवाल यह किया गया कि क्या यह शिक्षा नीति निजीकरण को बढ़ावा देगी अथवा बेहतर यूनिवर्सिटी को और बेहतर तथा खराब यूनिवर्सिटी को खत्म करने का प्रारूप भी लाएगी.

इसके उत्तर में जेएनयू के वीसी ने अलग ढंग से विश्लेषण किया है, उन्होंने बताया कि ऐसा कतई नहीं है बल्कि यह नीति प्रतियोगिता स्तर को और बढ़ावा देगी तथा छोटे यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज जैसे शिक्षण संस्थान अपनी रेटिंग बढ़ाने के लिए और प्रयास करेंगे तथा भारत का शिक्षा स्तर वैश्विक पहचान बनाएगा.

इस संबंध में दिल्ली के जाने-माने स्कूल स्प्रिंगडेल की प्रिंसिपल अमिता वटटल इसकी प्रशंसा करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक अच्छी शुरुआत है जो निचले स्तर पर छात्रों को बुनियादी शिक्षा देकर उनका बेहतर भविष्य निर्माण करेगी.

सभी तरह के स्कूल और बेहतर कर पाएंगे तथा एक महत्वपूर्ण विषय शिक्षा को अपनी मातृभाषा में दिए जाने से रीजनल लैंग्वेज को भी एक अलग पहचान मिलेगी हालांकि दिल्ली में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यहां देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आकर के शिक्षक ग्रहण करते हैं.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!