केंद्र सरकार द्वारा दिया गया नारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कितना भी दम भर ले किंतु जब उसी के केंद्रीय कर्मचारी सीआरपीएफ के जवान पर आदिवासी महिला के साथ बलात्कार का आरोप लगने
लगे तो कई तरह के संदिग्ध प्रश्न उठने स्वाभाविक हो जाते हैं. यह घटना 29 जुलाई को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पड़ने वाले दोरनापाल थाने की है जहां 27 जुलाई को डब्बाकोंटा शिविर के समीप एक आदिवासी महिला का केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान ने बलात्कार कर दिया.
शिकायत मिलने के बाद अधिकारियों ने भी सक्रियता दिखाई तथा छत्तीसगढ़ सेक्टर के पुलिस महानिरीक्षक प्रकाश डी ने भी डब्बाकोंटा शिविर का दौरा किया.
उन्होंने बताया कि- “आरोपी सिपाही दुलीचंद के साथ उस समय संत्री ड्यूटी पर तैनात एक हवलदार और सिपाही को अपने कार्य में लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित कर दिया गया है.”
पुलिस निरीक्षक ने पीड़िता और उसके परिवार को हर तरह के सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन दिया है.