सबसे चमकीला पदार्थ खोजने वाली पहली वैज्ञानिक बनीं गोरखपुर की छात्रा इफ्फत अमीन

  • गोरखपुर विश्विद्यालय की शोध छात्रा इफ्फत अमीन ने दुनिया का अब तक का सबसे चमकीला पदार्थ खोज निकाला है, जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट, आईआईटी चेन्नई और सीडीआरआई लखनऊ के लैब-परीक्षणों में भी यह रिसर्च सफल पाया गया है.
  • यूपी के सीएम ने इस कामयाबी पर इफ्फत अमीन को प्रदेश सरकार की ओर से शाबासी दी है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर (उ.प्र.) में दीन दयाल उपाध्याय विश्विद्यालय की छात्रा इफ्फत अमीन ने  दुनिया का सबसे चमकीला पदार्थ खोज निकाला है. परीक्षण के बाद इस रिसर्च पर आईआईटी चेन्नई और जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट ने भी कामयाबी की मुहर लगा दी है.

इस महत्वपूर्ण खोज के कारण अब भविष्य में इस पदार्थ के उपयोग से दो वॉट के एलईडी से 20 वॉट तक की रोशनी संभव हो सकेगी. शोध के दौरान रसायन शास्त्र की रिसर्च स्कॉलर इफ्फत ने दुर्लभ तत्व लैंथेनाइड, सीरियम, प्रोकोडोमियम और नियोडायनिम में पाइराजुलीन,

डाई थायो कार्बामेट व जेंथेट को संश्लेषित किया. इनके मिश्रण से उन्होंने कुल 48 कांप्लेक्स बनाए, उनकी अलग-अलग ल्यूमिनिसेंस चमक की क्षमता के बार-बार परीक्षण किए नतीजे शानदार रहे.

इससे पहले उनके रिसर्च की शुरुआत के दो साल तो केवल दुर्लभ तत्व जुटाने और उनके संश्लेषण, अनुप्रयोग आदि को समझने में ही लग गए. उसके बाद इफ्फत ने तीन साल और रिसर्च में व्यतीत किए, पांच साल में यह शोध अब पूरा हुआ है. इस कांप्लेक्स की चमक क्षमता 91.9 फीसदी है.

अब तक बने चमकीले कांप्लेक्स की क्षमता 80 फीसदी तक रही है, इफ्फत अमीन के कुल चार शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें इंग्लैंड स्थित रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, कई देशों से प्रकाशित होने वाला एल्वाइजर, जर्नल टेलर एंड फ्रांसिस आदि शामिल हैं.

शोध के लिए उन्हें गुरु गोरक्षनाथ शोध मेडल मिल चुका है, इफ्फत अमीन के प्रोफेसर उमेश नाथ त्रिपाठी बताते हैं कि इसका पता तब चला, जब चमकीले कांप्लेक्स के मिश्रण को आईआईटी चेन्नई, सीडीआरआई लखनऊ और जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट के लैब-परीक्षणों में भी सफल पाया गया है.

इफ्फत के शोध से रोशनी की दुनिया में एक और क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला है, इस चमकीले पदार्थ के प्रयोग से ऑर्गेनिक एलईडी बल्ब बनाए जा सकेंगे, जो मात्र एक-दो वॉट के करंट से बहुत ज्यादा रोशनी देंगे. इसके प्रयोग से राडार में ऊर्जा की खपत कम हो जाएगी.

एमआरआई में भी इसके अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं, दवाओं और बायोलॉजिकल सिस्टम की जांच लेवलिंग आदि में भी ये पदार्थ कारगर साबित होने वाला है. रिसर्च के दौरान इफ्फत को तरह-तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कत्तई हार नहीं मानी.

उनका कहना है कि हमारे देश में आज भी वैज्ञानिक परीक्षणों से सम्बंधित कई तरह केमिकल नहीं मिल पाते हैं, जिन्हे विदेशों से मंगाना बेहद खर्चीला होता है, साथ ही उसमें समय का भी अपव्यय होता है. इसी वजह से उनके दो साल लगातार असफलताओं में गुजर गए. उस दौरान उनसे सौ से ज्यादा गलतियां हुईं लेकिन कठिन मेहनत से वह उन्हे एक-एक कर दुरुस्त करती गईं.

वैसे तो भारत के वैज्ञानिक नासा से लेकर पूरी दुनिया में लोगों को अपनी प्रतिभा से कायल किए हुए हैं लेकिन अब शोध छात्रा इफ्फत अमीन की खोज ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. इफ्फत मूलतः गोरखपुर की ही रहने वाली हैं.

सीएम योगी ने ट्वीट कर इफ्फत को शाबासी देते हुए लिखा है-‘बहुत-बहुत बधाई इफ्फत आमीन. आप ने उत्तर प्रदेश और भारत का नाम रौशन किया है. आपकी खोज से हमारे देश और प्रदेश के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी.’

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!