मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के ‘पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ’ के अध्यक्ष पद पर आसीन लोटन राम निषाद को भगवान राम को काल्पनिक बताना महंगा पड़ गया है.
दरअसल लोटन राम ने अयोध्या में भगवान श्रीराम को लेकर उन्हें काल्पनिक चरित्र बताया था, यह बात उन्होंने संविधान के धरातल पर मानते हुए कहा था.
भगवान राम में मेरी आस्था नहीं है, वे काल्पनिक हैंः सपा नेताhttps://t.co/2Qk0JbhO3K#Ayodhya #LotanRamNishad #LordRamareacharacterlikeafictionalfilmartist #IhavenofaithinRam pic.twitter.com/829WO1iBrc
— Punjab Kesari (@punjabkesari) August 20, 2020
जैसा कि राम नामक नायक भारत में पैदा ही नहीं हुआ यह बात संविधान भी स्वीकार करता है किंतु उनके इस बयान को गंभीरता से लेते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सहमति के बाद उन्हें उनके पद से हटाकर यह जिम्मेदारी एमएलसी राजपाल कश्यप को दे दी गई है.
आपको यहां बताते चलें कि 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब माहौल बनने लगा है और सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से चुनावी दंगल में उतरने के लिए भूमिका बनाना शुरू कर दिया है.
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ऐसी संभावना जताई जा रही है कि समाजवादी पार्टी एक बड़े बदलाव के लिए रणनीति बना रही है, विगत कुछ दिनों में आप कांग्रेस का उदाहरण ले सकते हैं,
क्योंकि जिस तरीके से प्रदेश सरकार की गलत नीतियों का पुरजोर विरोध कांग्रेस कर रही है वह जन कल्याण की दिशा में बढ़ा हुआ एक कदम तो है ही किंतु अप्रत्यक्ष रूप से
कांग्रेस अपनी जमीन भी तलाश रही है ताकि वह पुनः उत्तर प्रदेश में सरकार के रूप में लौट सके.