मिली खबर के मुताबिक दुनिया में शांति का देश कहा जाने वाला स्वीडन इस समय सांप्रदायिक दंगों की आग में जल रहा है. दक्षिण स्वीडन के माल्मो शहर इस समय सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के हुजूम से भरा हुआ है.
इन लोगों ने सड़कों के किनारे खड़ी कई कारों के टायर में आग लगा दी तथा पुलिस पर भी पथराव किया. प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तथा आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. शहर में बड़े पैमाने पर टायरों के जलने से इलाके में चारों तरफ धुआं फैल गया.
The burning of the Quran was a part of an anti-Islam protest which took place in the city, following the arrest of one Rasmus Paludanhttps://t.co/z37WilbGTT
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 29, 2020
संपूर्ण घटना के संबंध में स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्राम कुर्स के नेता रैसमस पालुदन को मीटिंग की इजाजत ना मिलने के कारण भी दंगा भड़का.
ऐसा बताया जा रहा है कि रैसमस पालुदन जबरदस्ती शहर में घुसने की कोशिश कर रहे थे जिसके कारण पुलिस ने उन्हें रोका. इससे उनके समर्थक उग्र हो गए तथा उन्होंने माल्मो के एक चौराहे पर कुरान की प्रतियों को जला दिया.
क्या है दंगे की वजह ?
दक्षिणपंथी चरमपंथियों के द्वारा इस्लाम विरोधी गतिविधियाें जैसे कुरान की प्रतियों को जलाना, कुरान को लात मारना आदि को अंजाम देने के कारण इस्लाम धर्म के समर्थक सड़कों पर उतर आए.
इसी बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगा भड़क गया जिसकी वजह से प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव तथा गाड़ियों में आग जनी कर दी जिसके कारण स्थिति तनाव पूर्ण हो चुकी है.