राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) ने देश में लोगों के द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में एक बहुत ही चौंकाने वाला खुलासा किया है.
अगर आंकड़े की बात करें तो वर्ष 2019 में हॉस्पिटल 381 लोग अपनी जान से हाथ धो रहा है यह आंकड़े देश के अलग-अलग राज्यों से इकट्ठा किए गए हैं.
वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष प्रति एक लाख की जनसंख्या पर आत्महत्या की दर में 0.2% की वृद्धि हुई है जिसमें शहरों में खुदकुशी की दर 13.9 % जो वर्ष 2019 में बढ़ी है.
लोगों के द्वारा खुद की जान लेने वाले राज्यों में तमिलनाडु सबसे ऊपर है जबकि पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर तथा तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश आता है.
यदि उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 3.9% की दर से आत्महत्या के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. इस विषय में एनसीआरबी ने बताया है कि- आत्महत्या करने वाले लोगों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात निकालें तो 70.2% पुरुष और 9.58 % पर्सेंट महिलाओं ने खुदकुशी की घटना को अंजाम दिया.
ध्यान देने वाला पहलू यह है कि इस संपूर्ण आत्महत्या के पीछे पारिवारिक विवाद मुख्य वजह रहा है, अन्य कारणों में विवाह से उपजा तनाव जबकि तीसरे स्थान पर बीमारी को जिम्मेदार माना गया है.