मिली सूचना के मुताबिक लंबे समय से लिवर से जुड़ी समस्याओं के कारण बीमार चल रहे प्रसिद्ध आर्यसमाजी, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान रखने वाले स्वामी अग्निवेश का इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेस में निधन हो गया.
ऐसा पता चला है कि उनकी मृत्यु के पीछे मल्टी ऑर्गन फैलियर रहा है और यह काफी दिनों से उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था.
इस विषय में अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया है कि- वह लीवर सिरोसिस से पीड़ित थे और उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.
Social activist Swami Agnivesh passes away at 80 #AryaSamaj #SwamiAgnivesh #RIP https://t.co/i8fHtJ47I1
— Oneindia News (@Oneindia) September 11, 2020
इस विषम स्थिति में शाम 6:00 बजे अचानक हृदयाघात होने से उनका निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए शोक व्यक्त किया है-
बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता स्वामी अग्निवेश जी का आज निधन हो गया।
स्वामी जी का निधन आर्य समाज सहित पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/7DKO1aIc2i
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 11, 2020
आपको बताते चलें कि स्वामी अग्निवेश 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन जिसे ‘अन्ना हजारे’ के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में शुरू किया गया था, भाग लेने के बाद चर्चा में आए.
यद्यपि आपसी मतभेदों के कारण वे इस आंदोलन से दूर हो गए किन्तु भ्रष्टाचार और समाज से जुड़े मुद्दों के साथ सदैव खड़े रहे. इसके अतिरिक्त अमिताभ बच्चन के द्वारा संचालित रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
अग्निवेश से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
राजनीति और सामाजिक मुद्दों से जुड़े पहलुओं पर अग्निवेश बेबाक टिप्पणी किया करते थे. इन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम(NRC), बेरोजगारी, मॉब लिंचिंग, मानव अधिकारों का हनन आदि विषयों पर जो बात कही उसको लेकर के देश में उनकी खूब चर्चा हुई.
1970 में स्वामी अग्निवेश ने आर्य सभा नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई थी और 1977 में हरियाणा विधानसभा में विधायक भी चुने गए तथा हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री का कार्य भी संभाला.
1981 में बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम से एक अलग संगठन की नींव रखी.