प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि संबंधित विधेयकों का पुरजोर विरोध करने के लिए सोशल मीडिया के जरिये लोगों से इससे जुड़ने की अपील किया है.
इसके अंतर्गत कांग्रेस पार्टी ने स्पीक अप फॉर फार्मर्स नामक अभियान शुरू किया है ताकि किसानों के ऊपर होने वाले अत्याचार को रोका जा सके. यह तभी संभव होगा जब लोगों का हुजूम किसानों के पक्ष में कांग्रेस के साथ खड़ा हो.
मोदी सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार और शोषण के ख़िलाफ़, आइये साथ मिलकर आवाज़ उठाएँ।
अपने वीडियो के माध्यम से #SpeakUpForFarmers campaign से जुड़िए। pic.twitter.com/WyMfcVb1iP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 26, 2020
इसके अंतर्गत राहुल गांधी और कई अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेता अपना वीडियो जारी करके केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं.राहुल गांधी ने स्वयं ट्वीट करते हुए लिखा है कि-
“मोदी सरकार द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ आइए साथ मिलकर आवाज उठाया इस वीडियो के माध्यम से आप हमारे साथ जुड़िए”
इस विषय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि-” कृषि उपज विपणन कानून (APMC) किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच है. न्यूनतम समर्थन मूल्य, मूल्य निर्धारण का एक संकेत है जो बाजार कीमतों को निर्धारित करने का आधार बनता है.
किंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अपने द्वारा पारित कृषि विधेयक में इन दोनों तत्वों को ही समाप्त कर दिया है. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि-”
भाजपा सरकार ‘एक देश, एक बाजार’ की तो बात कर रही है किंतु फसल के दाम के विषय में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रही है. सरकार का यह रवैया खतरनाक संकेत है.
किसानों से बातचीत करके एक बात साफ़ हो गयी- उन्हें मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है।
किसान भाइयों की बुलंद आवाज़ के साथ हम सब की आवाज़ भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि क़ानूनों का विरोध करता है।#ISupportBharatBandh pic.twitter.com/r2Xhuy10wf
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 25, 2020
कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता तारिक अनवर ने दावा किया है कि- मोदी सरकार तीन काले कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र को उद्योगपतियों को सौंपने की तैयारी कर रही है.
हमारी मांग है कि किसान के फसल की एमएसपी को सुनिश्चित किया जाए तथा मंडी प्रणाली को बनाए रखने के लिए उसे कानूनी रूप दिया जाए.
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