मिली सूचना के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और विभिन्न पदाधिकारियों ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धासुमन अर्पित किया.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व यूथ बिग्रेड के जिलाध्यक्ष डॉ आजम लारी एवं यूथ बिग्रेड के नगर अध्यक्ष चर्चिल अधिकारी ने कहा कि-
“हंसते-हंसते देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज 28 सितंबर जयंती मनाई जा रही है, जिसे मनाते हुए हम गर्व महसूस कर रहे हैं.”
आपको यहाँ बता दें कि शहीद भगत सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा में 28 सितंबर, 1907 को हुआ था. देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी और अंग्रेजी हुकूमत की जड़ों को अपने साहस से झकझोर देने वाले भगत सिंह ने नौजवानों के दिलों में आजादी का जुनून भरा था.
महात्मा गांधी ने जब 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया. उन्होंने 1926 में देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना किया.
लाहौर षडयंत्र के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने 23 मार्च, 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया. ऐसा भी माना जाता है कि मृत्युदंड के लिए 24 मार्च की सुबह का दिन
तय किया गया था किन्तु अंग्रेजी सरकार थी जनाक्रोश से इतनी डरी हुई थी कि उन्हें 23-24 मार्च की मध्यरात्रि में ही फांसी पर लटका दिया था.
आफताब अहमद ने कहा कि- “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है. आज शहीद भगत सिंह की जयंती पर हम लोग संकल्प लेते हैं कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलेंगे और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.
इस मौके पर मोहम्मद हसन, देवांश श्रीवास्तव, इमामुद्दीन अहमद, मुलायम यादव, मंजीत सिंह, नूर मोहम्मद, आशुतोष गुप्ता, सालोमन जैद शाहिद, छात्र नेता आफताब अहमद, विनोद यादव, डॉ आजम लारी, चर्चिल अधिकारी, आदित्य खरे, शुभम यादव, अनूप यादव, वीरेंद्र साहनी, फिरदौस आलम, सलमान अहमद आदि लोग उपस्थित रहे.