इस वर्ष ‘गांधी जयंती’ को किसान-मजदूर बचाओ दिवस के रूप में मनाएगी कांग्रेस

वर्तमान समय में केंद्र की भाजपा सरकार अपने चुनावी घोषणाओं में जिन-जिन वादों का उल्लेख किया था, आज उसके ठीक विपरीत नीतियां बनाकर उसको अमल में लाकर लागू करने का कार्य कर रही है.

यही वजह है कि आम जनता से लेकर सरकारी कर्मचारी तक आज सड़कों पर है, इसी अवरोध-विरोध के क्रम में कांग्रेस पार्टी ने आने वाले 2 अक्टूबर को जिसे हम गांधी जयंती तथा लाल बहादुर शास्त्री जयंती के रूप में मनाते हैं,

उस दिन को कांग्रेस ने किसान-मजदूर बचाओ दिवस का आयोजन करने का ऐलान किया है. इसके अंतर्गत देश के प्रत्येक विधानसभा और जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन तथा मार्च पास्ट करने का कार्य किया जाएगा.

आपको यहां बताते चलें कि अत्यधिक शोर-शराबे और हंगामे के बाद भी भाजपा ने किसान बिल पारित किया जिसको लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान पूरी सरगर्मी के साथ अपना विरोध जगह-जगह दर्ज करा रहे हैं.

साथ ही उन्होंने देशभर के सभी किसानों से अपील भी किया है कि मोदी सरकार के विरोध में उनका समर्थन किया जाए. कांग्रेस इस आंदोलन को धारदार बनाने के लिए 2 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर के बीच संपूर्ण देश में दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर भी इकट्ठा करेगी.

इसके अतिरिक्त इंदिरा गांधी की शहादत दिवस पर 31 अक्टूबर को कांग्रेस किसानों-मजदूरों को लेकर बड़ा निर्णय लेगी. इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि-

“केंद्र की सरकार किसान विरोधी है और वह मंडियों को खत्म करने का कानून बना रहे हैं. जब मंडिया ही खत्म हो जाएंगे तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन दिला पाएगा?

जो छोटे किसान पर्याप्त संसाधनों के आभाव में एक जनपद से दूसरे जनपद नहीं जा पाते हैं वे अपनी उपज को दूरदराज के क्षेत्रों में जाकर कैसे बेचेंगे?”

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