मिली सूचना के मुताबिक 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे पिछले कई वर्षों से राजनीति में आने के लिए लालायित थे. किंतु जब-तब इनके साथ कुछ ना कुछ अड़चनें आती रही हैं.
अभी वर्तमान समय में इन्होंने बिहार राज्य से डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जेडीयू के टिकट पर विधानसभा का चुनाव बक्सर सीट से लड़ने के लिए तैयार थे.
Bihar Assembly Election 2020: neither JDU nor BJP given ticket to former DGP Gupteshwar Pandey – बिहार चुनाव: पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को न तो जेडीयू ने, न ही बीजेपी ने टिकट दिया https://t.co/ZMXMuHXGJd
— SmartBuyBuddy (@SmartBuyBuddy1) October 7, 2020
लेकिन यह संभावना भी उस समय खत्म हो गई जब भाजपा ने बक्सर सीट से परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार के तौर पर घोषणा कर दिया.
इससे बिहार में फिर से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है. इस घोषणा से सोशल मीडिया में उनके चाहने वाले प्रशंसकों को एक गहरा झटका लगा है.
अपनी निराशा को गुप्तेश्वर पांडे ने भावनात्मक पोस्ट के द्वारा व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने समर्थकों से धैर्य धारण करने की अपील किया है.
मैं जीवन भर जनता की सेवा करता रहूंगा और मेरा जीवन बिहार की जनता को समर्पित है अपने जनवरी बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी छोटे बड़े भाई बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छूकर प्रणाम अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें.
former dgp gupteshwar pandey said my life was spent in struggle after he did not get ticket from jdu for the bihar assembly election 2020 – पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को नहीं मिला टिकट, बोले- संघर्ष में बीता मेरा जीवन https://t.co/oXvLtFjMwx
— binay kumar singh (@binayku47196456) October 8, 2020
उनके इस पोस्ट पर चुटकी लेते हुए विवेकानंद ने कमेंट किया है कि- “आप तो बोल रहे थे 15 सीट से कहीं से भी निर्दलीय चुनाव में जीत हासिल कर सकता हूं तो आजमा लीजिए नीतीश कुमार का आप बहुत गुणगान कर रहे थे.”
वही राजन मिश्रा ने लिखा है कि-” हिम्मत है तो निर्दलीय लड़िए सर समाज आपके साथ में है. नहीं तो राजनीति से संन्यास लीजिए और केवल समाज सेवा कीजिए.”
आपको यहां बताते चलें कि वर्ष 2009 में भी इन्होंने लोकसभा चुनाव के समय वीआरएस लेने की घोषणा किया था किंतु उन्होंने टिकट न मिलने के कारण उन्होंने अपना वीआएस वापस ले लिया था.