बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार और फिर एक बार पुनः एनडीए की सरकार बनने पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नीतीश कुमार पर तंज कस दिया है.
उसने अपने पत्र में लिखा है कि- “नीतीश कुमार को बिहार में फिर से मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है लेकिन अब उन्हें बीजेपी के निर्देशों पर काम करना पड़ेगा.”
चुँकि भाजपा और राजद वैचारिक रूप से दो अलग-अलग दल हैं, ऐसे में नीतीश कुमार को पुनः मुख्यमंत्री बनाना मतदाताओं के लिए अपमान जैसा है. यह समारोह में एक पहलवान को पदक दिलाने के लिए किया गया प्रयास है जो लड़ाई हार गया है.
हालांकि सामना पत्र में आरजेडी के प्रत्याशी तेजस्वी यादव की तारीफ की गई है और बताया गया है कि वर्तमान मतदाताओं के समर्थन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बिहार में तेजस्वी का भविष्य है.
यद्यपि उन्हें अभी इंतजार करने की जरूरत है क्योंकि भले इस चुनाव में भाजपा ने चुनावी सीटों के गणित को प्राप्त करके जीत दर्ज किया है किंतु वास्तविक विजेता तो तेजस्वी यादव ही हैं.