भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में ब्रू शरणार्थियों को बस आने के प्रयास पर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच भारी टकराव देखने को मिला है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले तथा कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. बढ़ती भीड़ तथा हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज तथा आंसू गैस के गोले दागे.
This is the fifth day of protest by the locals against Centre's decision to rehabilitate around 35,000 tribal #Bru refugees from #Mizoram back to #Tripura pic.twitter.com/VpXOQOQGQT
— editorji (@editorji) November 21, 2020
आपको बता दें कि संपूर्ण मामला उत्तर त्रिपुरा जिले के डोलूबरी गांव का है जहां हिंसा भड़की है. दरअसल मिजोरम से आए ब्रु शरणार्थियों के लोगों को स्थाई तौर पर बसाने के निर्णय को लेकर विरोध शुरू हुआ.
केंद्र सरकार ने इन शरणार्थियों से वादा किया था कि 600 करोड़ के प्रवास पुनर्वास पैकेज के आधार पर अस्थाई तौर पर जगह दी जाएगी.
क्या है विवाद की वजह:
ब्रू जनजाति के लोग मूल रूप से त्रिपुरा के पड़ोसी राज्य मिजोरम में रहते हैं. जब इस जनजाति और बहुसंख्यक ब्रू समुदाय के बीच 1996 में सांप्रदायिक दंगा हुआ था तब हजारों की संख्या में ब्रू लोग भाग कर त्रिपुरा आ गए थे.
#Tripura:- At Least 1 Dead, Several Injured As Police Fire At Protesters In #Tripura.#Tripura protests against resettlement of Bru refugees. #NorthEast
— Wᵒˡᵛᵉʳᶤᶰᵉ Uᵖᵈᵃᵗᵉˢ𖤐 (@W0lverineupdate) November 21, 2020
इसके बाद से ब्रू समुदाय के करीब 30 से 35 हजार लोग त्रिपुरा के कंचनपुर इलाके में शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने राहत शिविरों में रहने वाले शरणार्थीयों को मिजोरम वापसी के लिए प्रयास भी किया.
सुरक्षा की वजह से यह लोग मिजोरम लौटने को तैयार नहीं हुए जिसके पश्चात इस वर्ष जनवरी में इन शरणार्थीयों को स्थाई तौर पर बसाने के लिए समझौते के तौर पर हस्ताक्षर किए गए हैं