‘ब्रू’ शरणार्थियों को बसाने के विरोध में त्रिपुरा में हुआ हिंसक प्रदर्शन

भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में ब्रू शरणार्थियों को बस आने के प्रयास पर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच भारी टकराव देखने को मिला है.

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले तथा कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. बढ़ती भीड़ तथा हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज तथा आंसू गैस के गोले दागे.

आपको बता दें कि संपूर्ण मामला उत्तर त्रिपुरा जिले के डोलूबरी गांव का है जहां हिंसा भड़की है. दरअसल मिजोरम से आए ब्रु शरणार्थियों के लोगों को स्थाई तौर पर बसाने के निर्णय को लेकर विरोध शुरू हुआ.

केंद्र सरकार ने इन शरणार्थियों से वादा किया था कि 600 करोड़ के प्रवास पुनर्वास पैकेज के आधार पर अस्थाई तौर पर जगह दी जाएगी.

क्या है विवाद की वजह:

ब्रू जनजाति के लोग मूल रूप से त्रिपुरा के पड़ोसी राज्य मिजोरम में रहते हैं. जब इस जनजाति और बहुसंख्यक ब्रू समुदाय के बीच 1996 में सांप्रदायिक दंगा हुआ था तब हजारों की संख्या में ब्रू लोग भाग कर त्रिपुरा आ गए थे.

इसके बाद से ब्रू समुदाय के करीब 30 से 35 हजार लोग त्रिपुरा के कंचनपुर इलाके में शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने राहत शिविरों में रहने वाले शरणार्थीयों को मिजोरम वापसी के लिए प्रयास भी किया.

सुरक्षा की वजह से यह लोग मिजोरम लौटने को तैयार नहीं हुए जिसके पश्चात इस वर्ष जनवरी में इन शरणार्थीयों को स्थाई तौर पर बसाने के लिए समझौते के तौर पर हस्ताक्षर किए गए हैं

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