उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोनावायरस संकट की भयावहता को देखते हुए प्रदेश में एस्मा एक्ट लागू कर दिया है, इस कानून के लागू हो जाने से आने वाले 6 महीने तक प्रदेश में किसी भी तरह की हड़ताल पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लग गया है.
Uttar Pradesh government has imposed Essential Services Maintenance Act (ESMA) in the state. The order released in this regard says that the act will be imposed for 6 months.#UttarPradesh #ESMA https://t.co/HL3HJ98AkR
— IndSamachar News (@Indsamachar) November 25, 2020
ऐसे में अगर कोई भी कर्मचारी हड़ताल करता है तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी. आपको यहाँ बतातें चलें कि पिछले दिनों भी सरकार ने इस एक्ट को लागू किया था
जिसकी अवधि पूरी हो जाने पर पुनः सरकार ने इसे और 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि एस्मा एक्ट राज्य/ केंद्र सरकारों के द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुरूप कभी भी लागू करने का अधिकार है,
UP govt imposes Essential Services Maintenance Act in state. The act will be imposed for 6 months.#ESMA pic.twitter.com/flPYxOI3Aq
— All India Radio News (@airnewsalerts) November 25, 2020
और इसे ऐसे समय में प्रभाव में लाया जाता है जब राज्य में कर्मचारियों की जरूरत बहुत ही सख्त हो.
क्या होता है ESMA कानून ?
अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) संसद द्वारा पारित है जिसे 1968 में लागू किया गया था. इसके द्वारा हड़ताल के दौरान लोगों के जनजीवन को प्रभावित करने वाली अत्यावश्यक सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है.
अगर सेवाओं की बात करें तो इसकी सूची बड़ी लंबी है. इसमें सार्वजनिक परिवहन जैसे बस, रेल और हवाई सेवा, डाक सेवा, स्वास्थ्य सेवा आदि है.
ESMA, as it is commonly known, gives police right to arrest without a warrant anybody violating the Act’s provisions. https://t.co/EEqTuxCp5o
— Financial Express (@FinancialXpress) November 25, 2020
यह राज्य सरकारों पर भी निर्भर है कि वह किसी सेवा को अत्यावश्यक घोषित कर सकती है. एस्मा लागू हो जाने के बाद ऐसे सभी सरकारी कर्मचारी जो हड़ताल में सनलिप्त होते हैं,
उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है तथा कारावास और जुर्माना भी लगाये जाने का भी इसमें प्रावधान रखा गया है.