‘बुढ़ौती की रोटी’ सरकार ने अगर बहाल नहीं किया तो ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ करेगा आंदोलन

प्राप्त सूचना के मुताबिक कर्मचारियों की बंद हुई पेंशन की बहाली करने के लिए संयुक्त रूप से मोर्चा संभाले की चेतावनी देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम मन की बात में इनकी बात करते तो बेहतर होता.

इस संबंध में समर्थन जुटाने के लिए अध्यक्ष रुपेश कुमार जी ने को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा मांगे गए सुझाव के क्रम में उनके टोल फ्री नंबर 1800117800 पर देश के कर्मचारियों की सबसे महत्वपूर्ण मांग पुरानी पेंशन बहाल करने का आग्रह किया.

agaz bharat

अंग्रेजों के जमाने मे भी पुरानी पेंशन बहाल रही परंतु भारत मे बुढ़ौती के निवाला पेंशन को 2004 से बंद किया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है. रुपेश जी ने एकजुटता दिखाए पेंशन की प्राप्ति का फैसला अपने पक्ष में नहीं हो सकता है,

इसलिए आप सभी निरंतर माननीय प्रधानमंत्री जी के मन की बात कार्यक्रम में पुरानी पेंशन बहाली की आवाज़ बुलंद करें और स्वम् जागरूक हो कर लोकतंत्रिक आवाज़ से पुरानी पेंशन बहाली की बात रखे.

तारीख 22.11.20 को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक कैम्प कार्यालय मोहल्ला-हांसपुर पर रूपेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सम्पन हुआ  संचालन अशवनी कुमार ने किया.

रूपेश और अश्वनी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के तमाम आंदोलन सुप्रीम कोर्ट के नाजिर के बावजूद भी पुरानी पेंशन अभी तक बहाल नही की गई.

अंग्रेजों ने पुरानी पेंशन दिया और भारत के नेताओं ने छीना और सरकार के इस रवये से देश के कर्मचारियों ने जबरदस्त आक्रोश एवं सरकार के प्रति ग़ुस्सा है.

इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि बुढ़ौती की रोटी अर्थात पेंशन बहाल करे और अपने राम राज्य की सरकार का परिचय दे, इससे देश के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों का परिवार एवं 50 लाख पेंशनर सरकार का आभारी रहेंगे.

मजबूरी में सरकार की चुप्पी पर कर्मचारियों ससनकित इस कारण आंदोलन की भी रणनीत बन रही है जैसे रेल्वे में इस मुद्दे पर सारे संगठन एक जुट हो कर आंदोलन के लिये तैयार भी हो रहा है.

परिषद् भी तैयार है, आने वाले दिनों में पेंशन अगर बहाल नही हुई तो कर्मचारी 2022 में इसका जवाब देंगा. बैठक में- अरुण, गोविंद, भारतेन्दु, नुज़रत, विनीत,

अशोक पाठक, अनूप,कृश्मोहन, पूनम, श्रीनाथ, शाहिद, इज़हार, ओमकार नाथ, सत्यप्रकाश, प्रभुदयाल, रामधनी, जयराम, अवनीश, वरुण आदि उपस्थित थे.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!