प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर बनने वाली नवीन मस्जिद का खाका तैयार हो चुका है तथा इसकी आधारशिला आने वाले गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन रखी जाएगी.
मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट आईआईसीएफ( इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन) के सचिव अतहर हुसैन ने बताया है कि- 26 जनवरी, 2021 को
The Indo-Islamic Cultural Foundation (IICF) has announced to lay the foundation stone of the mosque, to replace Babri Masjid in Ayodhya, on January 26, 2021.#IICF#AyodhyaMosque https://t.co/vkTR3k0gw6
— BriflyNews (@briflynews) December 17, 2020
अयोध्या में मस्जिद की आधारशिला रखने का फैसला ट्रस्ट के द्वारा किया गया है, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान अस्तित्व में आया था जो बहुलतावाद पर आधारित है.
आपको यहां बताते चलें कि अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का जो विवाद लंबे वर्षों से चला आ रहा था उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए मुस्लिम समुदाय को धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था.
The masjid will come up, 20km away from the Ram Janmabhoomi site, at Dhannipur village, exactly six months after the Sunni Waqf Board constituted the mosque trust — Indo-Islamic Cultural Foundation.#AyodhyaRamMandir #babrimasjid https://t.co/xxYlg0m9Os
— The Newsmen (@the_newsmen) December 17, 2020
मस्जिद परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे.
इसके अतिरिक्त इसके परिसर में 300 बेडों का एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई तथा एक पुस्तकालय का भी निर्माण किया जाएगा.
इस अस्पताल में बीमार लोगों का मुफ्त में इलाज होगा. अख्तर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि- “नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी तथा सौर ऊर्जा के निर्माण की भी व्यवस्था होगी लेकिन इसका ढांचा उस जैसा नहीं होगा.”
आज से 1400 वर्ष पहले पैगंबर मोहम्मद ने जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप यहां मानवता की सेवा की जाएगी. फाउंडेशन के सचिव ने यह भी बताया कि अस्पताल के लिए कारपोरेट घरानों से भी मदद की उम्मीद की जा रही है
तथा विदेशी अंशदान विनियमन कानून के तहत भी आवेदन करने का विकल्प रखा जाएगा ताकि विदेशों में भारतीय मूल के मुस्लिमों से धनराशि की मदद के लिए अनुरोध किया जा सके.