कोर्ट में पेशी से बचने के लिए भाजपा विधायक ने CMO से बनवाई कोरोना संक्रमण की फर्जी रिपोर्ट

प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल ने कोर्ट में पेशी से बचने के लिए संत कबीर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरगोविंद सिंह के द्वारा फर्जी कोरोनावायरस संक्रमण का रिपोर्ट बनवाया.

ऐसा बताया जा रहा है कि सांसद/ विधायक न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपांत मणि के आदेश के अनुसार अभियुक्त विधायक की उपस्थिति अनिवार्य थी, किंतु पिछले 4 वर्षों से कोई न कोई बहाना बनाकर कोर्ट के सामने पेश नहीं हो रहा है.

दरअसल, साल 2010 में विधायक राकेश सिंह बघेल के खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और अन्य गंभीर धाराओं में बखेड़ा थाने में केस दर्ज हुआ था,

मामला तभी से कोर्ट में लंबित है, कोर्ट ने जब व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया तो उनके वकील ने 9 अक्टूबर, 2020 को कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट पेश किया था.

ऐसे में अदालत की कार्यवाही नहीं बढ़ पा रही है. इस मामले को देखते हुए सत्र न्यायाधीश ने विधायक को तलब किया तो ज्ञात हुआ कि विधायक ने डॉक्टर के साथ मिलकर धोखाधड़ी और जालसाजी करते हुए फर्जी रिपोर्ट बना दिया है,

जिसमें बताया गया था कि निजी तौर पर covid19 परीक्षण कराने के बाद विधायक होम आइसोलेसन में रह रहे हैं. किंतु होम आइसोलेशन टीम के सदस्य डॉ विवेक कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि-

“होम आइसोलेशन के दौरान विधायक घर पर मौजूद नहीं थे और फोन पर भी उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया.” इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक और चिकित्सक के विरुद्ध धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है.

इस संबंध में खलीलाबाद कोतवाली के प्रभारी मनोज पांडे ने बताया है कि अदालत के आदेश पर विधायक राकेश सिंह बघेल और सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है.

आपको बताते चलें कि यह वही विधायक हैं जिनके ऊपर 2019 में इन्ही के पार्टी के सांसद शरद मणि त्रिपाठी ने डीएम, एसएसपी की उपस्थिति में विवाद होने पर सरेआम जूतों से पिटाई कर दिया था.

 

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