बेइंतहा अत्याचार और खुली गुंडागर्दी का दूसरा नाम है उत्तर प्रदेश पुलिस: बार काउंसिल ऑफ इंडिया

पुलिस द्वारा एटा में एक वकील के साथ मारपीट करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस संबंध में वकीलों के संगठन बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जानकी शरण पांडे ने कहा है कि-

“एटा में वकील के साथ जो बर्बरता पुलिस के द्वारा की गई है वह अक्षम्य है. अगर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो प्रदेश भर में पुलिस के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा.”

मामले को गंभीरता से लेते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत के चीफ जस्टिस एस ए बॉबडे, इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को पत्र लिखकर इस घटना की जानकारी- 

यूपी पुलिस की गुंडागर्दी अत्याचार की कोई सीमा नहीं शीर्षक से दिया है. इस पत्र में बताया गया है कि पुलिस ने एक घर का दरवाजा तोड़ दिया और अधिवक्ता को घसीटते हुए उसे पीट कर अपने साथ ले गए.

इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था किंतु उत्तर प्रदेश राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार इस पर कोई खास ध्यान नहीं दे रही है.

घटना के प्रति रोष जताते हुए उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदेश भर के वकील शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे तथा प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया.

उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए एक हफ्ते का अल्टीमेटम जारी किया है. आपको बताते चलें कि 21 दिसंबर को एटा शहर के कटरा मोहल्ला निवासी

वकील राजेंद्र शर्मा और लोकमान दास तिराहा निवासी रामु पटेल के बीच मकान पर कब्जे को लेकर वर्ष 2014 से ही विवाद चल रहा था, इस मामले में पथराव और फायरिंग भी हुई.

इस विवादित मकान में रहने वाली रेखा शर्मा ने वकील राजेंद्र शर्मा और उनके परिवार समेत सात लोगों के खिलाफ मारपीट कर घर से निकाल देने सहित तीन एफआईआर दर्ज कराया है.

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